सचिन जैसे कभी नहीं बन पाएंगे कोहली - क्रिकट्रैकर हिंदी

सचिन जैसे कभी नहीं बन पाएंगे कोहली

Sachin Tendulkar and Virat Kohli
HYDERABAD, INDIA – AUGUST 25: Indian players Sachin Tendulkar (L) and Virat kohli .Photo source- Sunil Saxena/Hindustan Times via Getty Images)

अरे रुकिए जनाब लेख शुरू होने से पहले ही निष्कर्ष पर न जाइये| दोनों भारतीय क्रिकेट के हीरे हैं और तुलना कभी जायज़ नहीं होती| आज बात इस पहलू पर होगी की क्या कोहली कभी मास्टर ब्लास्टर वाला इम्पैक्ट बना पाएंगे क्रिकेट के गलियारों में…

अपने क्रिकेट करियर में कोहली कई बार सचिन के योगदान के विषय में बता चुके हैं| मास्टर के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करके विराट ने काफी कुछ सीखा है|

टेढ़ी है राह

मत भूलिए की विराट तीनों फॉर्मेट में टीम इंडिया के कप्तान हैं और ये कितनी बड़ी जिम्मेदारी होती है शायद बताने की जरुरत नहीं| ऐसे में विदेश जब टीम बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पायेगी तो दबाव उनकी बल्लेबाज़ी पर भी आयेगा और उसका असर भी नज़र आयेगा| देखना दिलचस्प होगा की  उस कठिन समय में क्या वो अकेले दम पर टीम की नैया पार लगा पाते हैं|

अलग था दौर

पर्थ की आग उगलती पिच पर सचिन के 90 रन मेरी नज़र में वनडे में कोहली के 10 शतक के बराबर हैं| जिन गेंदबाजों को सचिन ने खेला और क्या बखूबी खेला, कोहली का उनसे वास्ता नहीं पड़ा| अब जबकि पिच कम और रोड ज्यादा बन रही हो तो एक समसामयिक आकलन ही बेहतर होगा|

बड़े मैचों में प्रदर्शन

मैं ये बिल्कुल नहीं कहूँगा की सचिन बड़े मैचों के पुरोधा थे लेकिन सीबी सीरीज़ 2008 का फाइनल ले लीजिये, शारजाह का तूफ़ान ले लीजिये या फिर 2003 विश्व कैप का धमाका अपने पाजी भारी ही पड़ेंगे| फिर विराट ने अभी आइसीसी टूर्नामेंट्स खासकर वनडे में कुछ ख़ास नहीं किया है|

साथ के खिलाड़ी

आप ये क्यूँ भूल जाते हैं की विराट की सेना में रोहित जैसे शेर हैं जो जिस दिन कप्तान को रन आउट करा दें तो दोहरा शतक मरकर ही दम लेते हैं| फिर अश्विन और जडेजा जैसे स्तरीय स्पिनर जो घरेलू टेस्ट मैचों में खासकर विपक्षी टीम को खड़ा ही नहीं होने देते| आजकल के फैन्स इस बात को शायद ही समझेंगे कि कितने बार सचिन ने टीम के बोझ को अकेले ही ढोया है और उनके विकेट के साथ मैच भी समाप्त हो जाता था|

रिकॉर्ड पूरी तस्वीर नहीं

वनडे में 30 शतक बनाने के लिए विराट ने सचिन पाजी से करीब 100 परियां कम खेलीं| लेकिन यदि वो उनके 49 शतक के रिकॉर्ड को तोड़ भी देते हैं तो भी सचिन वनडे इतिहास के सितारे हमेशा बने रहेंगे| क्वालिटी परियों का कोई मुकाबला नहीं होता जनाब

खैर आशय सिर्फ इतना है कि तुलनात्मक दृष्टिकोण बुरा नहीं है बशर्ते वो तथ्यपरक हो और सारे पहलुओं के साथ न्याय करे| सलाम सचिन, कोहली आप भी लाजवाब हैं|

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