क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया का आया फैसला, स्टिव स्मिथ और वॉर्नर पर लगा 1 साल का बैन

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Steve Smith of Australia walks out to bat with David Warner. (Photo by Michael Dodge/Getty Images)

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने आज अपना फैसला ऑस्ट्रेलिया के दोनों खिलाड़ी डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ पर सुना दिया है क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने डेविड वॉर्नर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव स्मिथ पर 1 साल का बैन लगा दिया है जबकि बैनक्राफ्ट पर 9 महीने का बैन लगा है. कई साल पहले भी बॉल टेम्परिंग का मामला सामने आया था लेकिन इतना बड़ा फैसला किसी भी खिलाड़ी के खिलाफ नही लिया गया था. दोषी पाए गए खिलाड़ी को भी इतना बड़ा दंड आज से पहले कभी नही दिया गया.

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डेविड वार्नर ने आज सनराइजर्स हैदराबाद की टीम से कप्तानी छोड़ दी है. वही स्टीव स्मिथ भी आईपीएल की राजस्थान रॉयल्स टीम से इस्तीफा दे चुके हैं. बॉल टेम्परिंग मामले पर ये बड़ी गाज ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियो पर गिरी है. आज के इस तेज गति से चल रहे जमाने के साथ एक ऐसा खेल जिसमें लगातार परिवर्तन होता रहा है क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसमें हाल के वर्षों में काफी परिवर्तन हुई है.

क्रिकेट में इस तेज गति परिवर्तन के साथ-साथ क्रिकेट खिलाड़ियों की भी काफी भागदौड़ हो गई है इस खेल में खिलाड़ी का प्रदर्शन वर्तमान में अगर अच्छा है तो टीम के अंदर अगर थोड़ा डगमगाया तो टीम से बाहर होते समय नहीं लगती है. केपटाउन में हुए ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के तीसरे टेस्ट मैच के दौरान बॉल टेंपरिंग का मामला सामने आया है.

पहले हम आपको बताते हैं कि बॉल टेम्परिंग होती क्या है दरअसल गेंदबाज अच्छे स्विंग के लिए गेंद से कुछ छेड़छाड़ करते हैं जो कि नियम के खिलाफ है आईसीसी के नियम 42.3 के तहत बॉल टेंपरिंग को गलत माना गया है और इसके लिए कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है.

हुआ कुछ यूं कि केपटाउन में चल रहे तीसरे टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाज कैमरन बैनक्राफ्ट को एक छोटी सी पीली चीज अपने पतलून में रखते हुए मैदान में लगे बड़े पर्दे पर देखा गया और जब अंपायर ने बैनक्राफ्ट से पूछा तो उन्होंने चश्मा साफ करने वाले कपड़े के बारे में बताया हालांकि बाद में बैनक्राफ्ट ने स्वीकारा कि उन्होंने गेंद की चमक खराब करने के लिए गेंद के ऊपर पीले रंग का टेप का चिपकाया था और इसके बारे में कप्तान स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर जानते थे यह पूरी प्लानिंग के साथ की गई थी. जिसे ऑस्ट्रेलिया (सीए)और आईसीसी ने गंभीरता से लिया.

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