वो 3 विवादित फैसले जो विराट कोहली ने अपने टेस्ट कप्तानी कार्यकाल के दौरान लिए

विराट ने 68 टेस्ट मैचों में टीम इंडिया की कप्तानी की जिसमें उन्हें 40 में जीत लिए।

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Virat Kohli and Cheteshwar Pujara. (Photo Source: Twitter)

भारतीय टेस्ट कप्तानी के विराट कोहली युग का अंत हाल ही में कप्तान के पद छोड़ने के साथ हुआ है। 33 वर्षीय कोहली दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मिले हार से बहुत निराश थे क्योंकि इस टेस्ट सीरीज के लिए सभी भारत को जीत का हकदार बता रहे थे। वह पहले ही सफेद गेंद के प्रारूप में और साथ ही आईपीएल में आरसीबी के लिए कप्तानी छोड़ चुके हैं और वो अब तीनों फॉर्मेट में बल्लेबाज के रूप में ही खेलते हुए नजर आएंगे।

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कोहली ने लंबे समय तक टेस्ट टीम को नंबर एक स्थान पर बनाए रखने के मामले में एक लंबा सफर तय किया है और स्पष्ट रूप से इस फॉर्मेट में सबसे सफल भारतीय कप्तान रहे हैं। उनके आंकड़े ही यह कहानी बयां करते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कतार में लगे अगले कप्तानों के लिए एक बड़ा मानदंड स्थापित किया है।

एक कप्तान के रूप में इस प्रारूप के लिए आक्रामकता और जुनून हमेशा से उनका पहचान रहा है। हाल के दिनों में कोहली का व्यक्तिगत फॉर्म भी उतना सर्वश्रेष्ठ नहीं रहा है क्योंकि वह पिछले दो वर्षों से अंतरराष्ट्रीय शतक बनाने में विफल रहे हैं। इस बीच, उनके कुछ फैसलों की कभी-कभी बहुत आलोचना भी हुई है, जबकि उनमें से अधिकांश प्रशंसनीय रहे।

इस लेख में हम नजर डालेंगे कोहली के उन 3 विवादास्पद फैसले पर जो उन्होंने अपने टेस्ट कप्तानी कार्यकाल के दौरान लिए

1) खराब फॉर्म के बावजूद रहाणे और पुजारा का समर्थन करना

Ajinkya Rahane and Cheteshwar Pujara. (Photo Source: Getty Images)

दक्षिण अफ्रीका में हाल ही में समाप्त हुई टेस्ट सीरीज में भी यह एक चर्चा का विषय रहा है क्योंकि प्रबंधन और विराट कोहली ने अपने असंगत फॉर्म के बावजूद अनुभवी बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे और चेतेश्वर पुजारा का लगातार समर्थन किया था। यह जोड़ी लगातार रन नहीं बना पाने के कारण सवालों के घेरे में थी और कुछ अर्धशतकों और शतकों के बाद उन्हें काफी मौके दिए गए।

पुजारा ने पिछले तीन वर्षों से शतक नहीं बनाया है, जबकि रहाणे का औसत 2016 में 50 से काफी कम होकर 38 का हो गया है। इन दोनों क्रिकेटरों को कठिन परिस्थितियों में कदम रखने के लिए बहुत सम्मान दिया गया है, लेकिन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुई टेस्ट सीरीज में वह टीम मैनेजमेंट के भरोसे पर खड़े नहीं उतर सके।

तीन मैचों की सीरीज के दौरान उनका संयुक्त रूप से औसत 21 का था। श्रेयस अय्यर और हनुमा विहारी के अपने मौके पर अच्छा प्रदर्शन करने के साथ, बहुत सारे विशेषज्ञ और प्रशंसक चाहते थे कि इस अनुभवी जोड़ी से बाहर किया जाए, लेकिन कोहली ने उनका समर्थन करना नहीं छोड़ा और इस वजह से कई मौकों पर उन्हें आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा।

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