पिछले काफी समय से क्रिकेट में कई नए नियम लागू किए गए हैं और कुछ पुराने नियमों को हटा दिया गया है। इसका एक उदाहरण हम इस समय खेले जा रहे इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में भी देख सकते हैं। इंडियन प्रीमियर लीग 2023 में सब्सीट्यूट खिलाड़ी का नियम लागू किया गया और साथ ही वाइड और नो बॉल पर रिव्यू लेने का भी।
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अब बहुत जल्द सॉफ्ट सिग्नल भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से हटके हुए देखा जा सकता है। क्रिकबज की रिपोर्ट के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने इस नियम को खत्म करने का फैसला किया है। यह बदलाव वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में देखने को मिलेगा। बता दें, वर्ल्ड चैंपियनशिप का फाइनल भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 7 जून से 12 जून तक लंदन के ओवल में खेला जाएगा।
इसको हटाने का एक मुख्य कारण यह भी है कि कई क्रिकेटर्स और विशेषज्ञों का मानना सॉफ्ट सिग्नल को लेकर काफी अलग होता है। कई लोग इसके पक्ष में अपनी बात रखते हैं वहीं कुछ लोग इस नियम से सहमत नहीं है।
1- कई लोग इस नियम से खुश नहीं है
सबसे बड़ी समस्या इस नियम में यह है कि थर्ड अंपायर को इस पर फैसला लेने में काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। नियम के मुताबिक जब सॉफ्ट सिग्नल का फैसला टीवी अंपायर के पास जाता है तब उन्हें उस को बदलने के लिए काफी सबूत चाहिए होते हैं।
ऐसा इसलिए क्योंकि ऑन फील्ड अंपायर सॉफ्ट सिग्नल के रूप में जो भी अपना फैसला सुनाता है उसके बाद तीसरे अंपायर को उसको बदलने के लिए काफी अलग-अलग एंगल से देखना पड़ता है।
नए नियम के मुताबिक अब थर्ड अंपायर को ही इस पर पूरी तरह से फैसला लेना कि बल्लेबाज आउट है या नहीं।