दिनेश चंदिमल का अभी तक का अधिकतर जीवन काफी सामान्य बीता है. एक प्रतिभाशाली खिलाड़ी जो अपने स्कूल से खेलते हुए रन काफी सारे रन बनाता था यहाँ तक कि उसने 40 साल के नेशनल स्कूल लेवल रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया था. एक ऑफ स्पिनर के रूप में अपने क्रिकेट करियर को शुरू करने वाले जिसके बाद उनके कोच ने उन्हें विकेटकीपिंग ग्लव्स थमा दिए और चंदिमल का करियर एक विकेटकीपर के रूप में शुरू हो गया.
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लेकिन अभी चंदिमल केजीवन में एक बड़ा बदलाव आना बाकी था जब साउथ ईस्ट एशिया और पूरे श्रीलंका में सूनामी का कहर बरपा था. उन खतरनाक लहरों ने चंदिमल के पूरे घर को तबाह करके रख दिया था यहाँ तक की उनकी क्रिच्क्त किट भी और इसके बाद उन्हें इन सबसे निकलने में काफी समय लगा लेकिन वह इसमें कामयाब हो सके.
किस्मत का भी अजीब खेल है क्योंकि ठीक 7 साल बाद दिनेश चंदिमल को अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलने का मौका मिला जिस दिन सुनामी आयीं थी लेकिन अच्छी बात ये थी कि उनके परिवार का कोई भी सदस्य इस घटना का शिकार नहीं हुआ था जिस वजह से चंदिमल भी कहीं ना कहीं खुश जरुर होंगे और इसके बाद वह श्रीलंकन टीम के कप्तान भी बन गएँ.