बांग्लादेश टीम के लिए तेज़ गेंदबाजी का जिम्मा अपने कन्धो पर सँभालने वाले मशरफे मुर्तजा जिनका अंतर्राष्ट्रीय करियर चोट की वजह से काफी उतार चढ़ाव भरा रहा है जिस वजह से उन्हें सिर्फ 277 वनडे मैच खेलने का मौका मिला है. 2009 में चोट की वजह से मुर्तजा को टेस्ट क्रिकेट से सन्यास लेना पड़ा था.
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वनडे क्रिकेट उन्होंने अभी भी खेलना जारी रखा हुआ है. चैम्पियंस ट्राफी के सेमीफाइनल मैच में वह बंगलदेश टीम की कप्तानी करने वाले पहले कप्तान बने. अगले साल विश्वकप के समय मुर्तजा की उम्र 36 साल की हो चुकी होगी और इस बात की पूरी उम्मीद है कि वह अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह देंगे.