इन दिनों क्रिकेट के मौजूदा फॉर्मेट और नियम को लेकर चर्चाएं काफी तेज हैं। हाल ही में सचिन तेंदुलकर ने वनडे के मौजूदा फॉर्मेट को बोरिंग बताया था तो वहीं वीरेंद्र सहवाग ने यो-यो टेस्ट को लेकर अपनी राय रखते हुए सबको चौंका दिया हैं।
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दरअसल मौजूदा दौर में भारतीय टीम में शामिल होने के लिए खिलाड़ियों को यो-यो टेस्ट पास करना होता है, जो भी खिलाड़ी इस टेस्ट को पास करता है उसे ही सिर्फ भारतीय टीम में जगह मिलती है। हालांकि, यो-यो टेस्ट सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ या वीरेंद्र सहवाग के समय नहीं था।
यो-यो टेस्ट हमारे समय में होता तो कई दिग्गज खिलाड़ी भारतीय टीम का हिस्सा नहीं होते- वीरेंद्र सहवाग
वहीं न्यूज18 से बातचीत के दौरान वीरेंद्र सहवाग से जब यो-यो टेस्ट से जुड़ा सवाल किया गया तो उनका कहना था कि आज के समय में यो-यो टेस्ट पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है अगर खिलाड़ी इसे पास नहीं कर पाता तो उसे टीम में शामिल नहीं किया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि, अगर यो-यो टेस्ट हमारे समय में होता तो कई दिग्गज खिलाड़ी भारतीय टीम का हिस्सा नहीं होते क्योंकि वह यो-यो टेस्ट में पास नहीं फेल हो जाते। लेकिन आज के दौर में यह बेहद जरूरी हो गया है क्योंकि इसके आधार पर टीम में जगह मिलती हैं।
उन्होंने अपनी बात को जारी रखते हुए कहा कि, हमारे समय में स्किल्स पर ज्यादा ध्यान दिया जाता था। आपको मैच कौन जिताएगा, वह जो बहुत अच्छा प्रदर्शन करता है या वह जो बेहतर दौड़ता है। अगर आप ऐसे खिलाड़ी चाहते हैं जो बेहतर दौड़ता हो तो उन्हें मैराथन दौड़वाएं, क्रिकेट खेलने की जरूरत नहीं है। मेरा तो यही मानना है।
बता दें वीरेंद्र सहवाग के अलावा भारत के पूर्व खिलाड़ी सुनील गावस्कर ने भी यो-यो टेस्ट का लेकर अपनी राय रखी थी। उन्होंने कहा था कि, यह टीम का नुकसान है, अगर कोई खिलाड़ी बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। रन बना रहा या विकेट ले रहा है लेकिन यो-यो टेस्ट में पास नहीं होने के कारण टीम में जगह नहीं बना पाता है।