ईशान किशन की स्ट्राइक रेट को लेकर काफी चिंता में हैं आकाश चोपड़ा - क्रिकट्रैकर हिंदी

ईशान किशन की स्ट्राइक रेट को लेकर काफी चिंता में हैं आकाश चोपड़ा

ईशान किशन ने टी-20 सीरीज में उम्मीद के मुताबिक बल्लेबाजी नहीं की।

Aakash Chopra and Ishan Kishan (Photo Source: Google/Getty)
Aakash Chopra and Ishan Kishan (Photo Source: Google/Getty)

पूर्व भारतीय क्रिकेटर आकाश चोपड़ा का मानना है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ निराशाजनक प्रदर्शन के बाद ईशान किशन से उनके स्ट्राइक रेट के बारे में और पूछताछ जरूर की जाएगी। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज को तीनों मैचों में टॉप आर्डर में मौका दिया गया और उन्होंने सीरीज के तीनों मैचों में क्रमशः 35, 2 और 34 का स्कोर बनाया।

तीन में से दो पारियों में उनका स्ट्राइक रेट 100 से नीचे का था, जो कि इस युवा खिलाड़ी की बल्लेबाजी शैली के विपरीत है। अपने टी-20 डेब्यू पर अर्धशतक लगाने वाले किशन स्वभाव से आक्रामक बल्लेबाज हैं और शुरुआत से ही गेंदबाजों का लाइन लेंथ को बिगाड़ना पसंद करते हैं। वह टॉप आर्डर बाएं हाथ का विकल्प लाते हैं और साथ ही में विकेटकीपिंग भी कर सकते हैं जिस वजह से उनका महत्त्व काफी बढ़ जाता है।

हाल ही में समाप्त हुए आईपीएल 2022 मेगा ऑक्शन में वो सबसे महंगे बिकने वाले खिलाड़ी थे। उन्होंने तीसरे टी-20 में अपनी स्ट्राइक रेट में सुधार करने की कोशिश की, जहां उन्होंने 31 गेंदों में पांच चौकों की मदद से 34 रन बनाए, लेकिन वह अभी भी वह प्रदर्शन नहीं कर सके जिसके लिए वो जाने जाते हैं।

ईशान किशन को लेकर चोपड़ा ने दिया बड़ा बयान

चोपड़ा ने कहा कि किशन को एक विस्फोटक सलामी बल्लेबाज की भूमिका सौंपी गई है और उन्होंने कहा कि उनके साथ जुड़े काम को करने में सक्षम नहीं होने के लिए बहुत दबाव था। अपने यूट्यूब चैनल पर आकाश चोपड़ा ने कहा कि, “ईशान किशन पर फिर से दबाव था। उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी की लेकिन स्ट्राइक रेट अभी भी संदिग्ध है। उस पर बार-बार सवाल उठाए जाएंगे क्योंकि वह लेफ्ट-राइट संयोजन और अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के कारण खेल रहा है लेकिन वह उस काम को करने में सक्षम नहीं है।”

चोपड़ा ने अंत में कहा कि, “रुतुराज के पास एक अवसर था, मैंने सोचा था कि वह अच्छा करेगा। उन्होंने गलत शॉट खेला। श्रेयस अय्यर अच्छे दिख रहे थे लेकिन आउट हो गए। लेकिन जब रोहित आउट हुए तो भारत लड़खड़ा रहा था। मैंने नहीं सोचा था कि वे 170-180 तक पहुंचेंगे, लेकिन तब हमारे पास वेंकटेश अय्यर और सूर्यकुमार यादव थे, दोनों के बीच अद्भुत साझेदारी हुई।

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