टी-20 वर्ल्ड कप में अफगानिस्तान के खेलने पर लग सकता है ग्रहण

इस टी-20 वर्ल्ड कप में 16 टीमें ले रही हैं हिस्सा।

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Afghanistan. (Photo Source: Getty Images)

17 अक्टूबर से यूएई और ओमान में शुरू होने वाले आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप में अब अफगानिस्तान के हिस्सा लेने पर ग्रहण लग सकता है। यदि अफगानिस्तान की टीम इस इवेंट में तालिबान के झंडे के तहत खेलते है, तो उसे खेलने से मना किया जा सकता है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद अभी फिलहाल अफगान क्रिकेट से जानकारी हासिल कर रही है कि वह किस झंडे के तहत इस इवेंट में खेलने वाली है। इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली सभी 16 टीमों को पहले ही यह बताना होता है कि वह किस देश के झंडे के तहत खेलने वाली है।

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दरअसल अगस्त 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता में आने बाद से वहां की क्रिकेट टीम पर भी इसका काफी असर देखने को मिला है। जिसमें अफगानिस्तान को 27 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होबार्ट के मैदान में खेले जाने वाले एकमात्र टेस्ट मैच को लेकर भी संभय के बादल मंडरा रहे हैं। क्योंकि क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने पहले ही यह साफ कर दिया है कि यदि तालिबान अपनी महिला क्रिकेट टीम को खेलने की मंजूरी नहीं देता है तो वह इस टेस्ट मैच को रद्द कर सकती है।

ICC बुला सकता है आपातकालीन बैठक

कुछ दिन पहले ही अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चीफ एक्जीक्यूटिक के पद से हामिद शिनवारी को हटाकर उनकी जगह पर नसीब जादरान की नियुक्ती कर दी गई थी। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि इन सभी फैसलों में तालिबान काफी अहम भूमिका निभाता हुआ नजर आ रहा है। वहीं अभी तक यह तय नहीं हो सका है कि अफगानिस्तान की टीम टी-20 वर्ल्ड कप में किस झंडे के नीचे खेलने वाली है।

यदि अफगानिस्तान की टीम तालिबान के झंडे के तहत खेलने का फैसला करती है तो ICC एक आपातकालीन बैठक बुलाकर यह अफगान टीम के टूर्नामेंट में हिस्सा लेने को चर्चा कर सकता है। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार सदस्य देश एशियन टीम को इसमें हिस्सा लेने के खिलाफ वोट कर सकते हैं। अफगानिस्तान की टीम को आईसीसी टी-20 वर्ल्ड कप में अपना पहला मैच 25 अक्टूबर को शारजाह के मैदान में खेलना है।

यदि इन खबरों पर विश्वास किया जाए जाए तो ICC ने अभी तक ऐसी कोई योजना नहीं बनाई है कि अफगानिस्तान के बाहर होने पर कौन सी टीम उसी जगह ले सकती है। वहीं नवंबर के महीने में ICC की मीटिंग में सदस्यता को लेकर भी चर्चा की जाएगी जिसमें नियमों के अनुसार पूर्ण सदस्य होने के लिए किसी भी देश की पुरुष और महिला दोनों टीमों का खेलना बेहद जरूरी है।

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