भारत और न्यूजीलैंड के बीच तीसरे टी20 मैच में एक बार फिर टिम सैफर्ट भारतीय गेंदबाजों के लिए सिरदर्द साबित हुए। उन्होंने भारतीय गेंदबाजों की धुनाई शुरू कर दी। कोलिन मुनरो के साथ सैफर्ट ओपनिंग करते हुए मैदान में उतरे। मुनरो भी तेज खेल रहे थे और सैफर्ट भी। सैफर्ट 24 गेंदों का सामना करते हुए तीन चौकों और तीन छक्कों की मदद से 43 रन बना कर खेल रहे थे।
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25 वीं गेंद का सामना करने के लिए वे तैयार थे। गेंद कुलदीप यादव के हाथों में थी। कुलदीप की गेंद की लाइन और स्पिन को समझने में सैफर्ट असफल रहे। वे बीट हो गए। इस चक्कर में उनका पिछला पैर लाइन पर आ गया। धोनी को यह सब देखने में 0.099 सेकंड का वक्त मिला होगा। धोनी ने फौरन स्टंपिंग कर आउट की अपील कर दी।
मामला थर्ड अंपायर के पास गया। गेंद वैध थी। सैफर्ट का पिछला पैर लाइन पर था। टच एंड गो का मामला था और थर्ड अम्पायर ने आउट दे दिया। इस तरह से भारतीय टीम को पहला ब्रेक थ्रू मिला जिसकी सख्त जरूरत थी। इसे तो धोनी का ही विकेट कहा जा सकता है। कमाल की स्टंपिंग उन्होंने कही।
धोनी ने कमाल कर साबित कर दिया कि वे विकेट के पीछे उनसे बेहतर फिलहाल कोई नहीं है। वे टीम जरूरत है और वर्ल्ड कप में धोनी का होना टीम के लिए जरूरी है। वे रन भी बना रहे हैं। विकेट के पीछे बेजोड़ हैं। जरूरत पड़ने पर उपयोगी सलाह भी देते हैं। और क्या चाहिए धोनी से?