वर्ल्ड क्रिकेट के सर्वकालिक महान खिलाड़ियों में से एक पूर्व भारतीय खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर ने कुछ समय पहले ही गोवा की तरफ से जेपी अटर्ये मेमोरियल क्रिकेट टूर्नामेंट में अपना डेब्यू किया। जिसमें अर्जुन को डीएवी एकेडमी में योगराज सिंह की देखरेख में अभ्यास करते हुए देखा गया।
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64 साल के योगराज सिंह पूर्व भारतीय खिलाड़ी युवराज सिंह के पिता हैं और उन्होंने अपने बेटे को एक सफल खिलाड़ी बनाने में काफी अहम भूमिका निभाई है। जिसका जिक्र युवराज सिंह ने काफी बार अपने दिए बयान में किया है। अर्जुन जो लगातार बड़े स्तर पर अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं उनके लिए योगराज सिंह की देखरेख में अभ्यास करना काफी बड़ी बात क्रिकेटिंग सर्कल में मानी जा सकती है।
इस टूर्नामेंट को लेकर बात की जाए तो उसमें कुल 16 टीमें हिस्सा ले रही हैं। BCCI की तरफ से मान्यता प्राप्त इस टूर्नामेंट में 100 से अधिक खिलाड़ी हिस्सा ले रहें हैं, जो भविष्य में भारतीय टीम की तरफ से भी खेलते हुए दिख सकते हैं। जिसके चलते प्रत्येक खिलाड़ी इसमें अच्छा करने की कोशिश कर रहा है ताकि अपने करियर को एक अलग पड़ाव पर ले जाया जा सके।
एक प्रेस वार्ता के दौरान इस टूर्नामेंट के आयोजक सुशील कपूर ने अपने दिए बयान में अर्जुन तेंदुलकर को लेकर कहा कि, वह इस टूर्नामेंट में गोवा क्रिकेट एसोसियेशन की तरफ से खेल रहे हैं। बता दें अर्जुन तेंदुलकर IPL में मुंबई इंडियंस टीम का भी हिस्सा हैं, लेकिन उन्हें अभी तक एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला है। 22 साल के अर्जुन ने अभी तक अपने करियर में सिर्फ 2 टी-20 मुकाबले खेले हैं, जिसमें उन्होंने 9.57 के इकॉनमी रेट के साथ 2 विकेट हासिल किए हैं।
Arjun Tendulkar is training with Yograj Singh (father of Yuvraj Singh) in his academy at DAV College, Chandigarh to improve his batting skills and revive his career. pic.twitter.com/JVtrnXWOLi
योगराज सिंह को लेकर बात की जाए तो चंडीगढ़ में जन्म लेने वाले पूर्व भारतीय खिलाड़ी को अपने करियर में 6 वनडे और 1 टेस्ट मैच खेलने का मौका मिला। जिसमें उन्होंने 6 वनडे मैचों में जहां 4 विकेट हासिल किए तो वहीं एकमात्र टेस्ट मैच जो उन्होंने न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला उन्होंने 1 विकेट हासिल किया था।
वहीं संन्यास लेने के बाद उन्होंने अपने बेटे युवराज सिंह को एक सफल क्रिकेट खिलाड़ी बनाने पर पूरा ध्यान लगा दिया था। 40 साल के युवराज सिंह ने भी कई बार प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि आखिर किस तरह उनके पिता की कड़ी ट्रेनिंग की वजह से वह भारतीय टीम के लिए लंबे समय तक खेलने में कामयाब हो सके।