एशेज सीरीज के ड्रॉ होने पर ब्रैंडन मैक्कुलम ने दिया चौंकाने वाला बयान! कहा, इस सीरीज का हिस्सा बनना……

इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच एशेज सीरीज 2-2 की बराबरी पर खत्म हुई।

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Brendon McCullum (Photo Source: Twitter)

एशेज सीरीज के पहले दो टेस्ट मैचों में इंग्लैंड को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा था। जिसके बाद इंग्लैंड के ‘BazBall’ रणनीति की जमकर आलोचना हो रही थी। लेकिन इंग्लैंड ने तीसरे टेस्ट मैच में शानदार वापसी करते हुए 3 विकेट से जीत दर्ज की। इंग्लैंड की टीम चौथा टेस्ट मैच भी अपने नाम कर सकती थी लेकिन मैच बारिश के चलते ड्रॉ पर समाप्त हुआ।

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जिसके चलते ऑस्ट्रेलिया ने एशेज सीरीज रिटेन कर लिया था। लेकिन मेजबान इंग्लैंड ने पांचवें टेस्ट मैच में शानदार खेल दिखाते हुए 49 रनों से जीत दर्ज की और सीरीज 2-2 की बराबरी पर खत्म हुई। सीरीज बराबरी पर खत्म होने के बाद इंग्लैंड के हेड कोच ब्रैंडन मैक्कुलम ने बड़ा बयान दिया है।

इस सीरीज का हिस्सा बनना अद्भुत है- ब्रैंडन मैक्कुलम

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एशेज बराबरी पर खत्म होने के बाद ब्रैंडन मैक्कुलम का कहना है कि, वह टीम के प्रदर्शन से काफी ज्यादा खुश है। और उनका मानना है कि यह सीरीज काफी ज्यादा अद्भुत थी। ब्रैंडन मैक्कुलम ने Sky Sports पर बात करते हुए कहा, ‘इस सीरीज का हिस्सा बनना अद्भुत है विपरीत स्टाइल वाली दो अविश्वसनीय क्रिकेट टीमें हेवीवेट बॉक्सिंग लड़ाई की तरह हैं। यह वाकई खास था मुझे इस बात पर बहुत गर्व है कि जिस तरह से हमारे लड़के पूरी सीरीज के दौरान हम जो करना चाहते हैं उसके प्रति बहुत मजबूत रहे।’

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हम उन्हें बहुत याद करेंगे- ब्रैंडन मैक्कुलम

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एशेज सीरीज का आखिरी मैच इंग्लैंड के दिग्गज गेंदबाज स्टुअर्ट ब्रॉड के टेस्ट करियर का आखिरी मैच था। स्टुअर्ट ब्रॉड ने पांचवें टेस्ट के तीसरे दिन के खेल के बाद संन्यास का ऐलान किया था। ब्रैंडन मैक्कुलम ने स्टुअर्ट ब्रॉड के संन्यास को लेकर बात करते हुए कहा, ‘वह जो हासिल करने में सक्षम हुए हैं वह बिल्कुल आश्चर्यजनक है।’

ब्रैंडन मैक्कुलम ने आगे कहा, ‘वह पिछले 14-15 महीनों में ड्रेसिंग रूम में क्या लाने में सक्षम रहे हैं। इसमें कुछ भी अविश्वसनीय नहीं है। वह एक सच्चा प्रतिस्पर्धी है। वह अपनी स्क्रिप्ट खुद लिखता है और उसने जो किया है उसे एक परीकथा के रूप में प्रस्तुत करना इसका प्रमाण है। हम उन्हें बहुत याद करेंगे। वह अपनी शर्तों पर जाने का हकदार है।’

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