एशिया कप 2022: जब दीपक हुड्डा को गेंदबाजी देनी ही नहीं है तो दिनेश कार्तिक को क्यों नहीं खिला रहे?”- रवि शास्त्री

मुझे यह देखकर काफी हैरानी हुई कि दीपक हुड्डा नंबर 7 पर बल्लेबाजी करने आए और उन्हें दो मुकाबलों में एक भी ओवर फेंकने को नहीं मिला: रवि शास्त्री

Advertisement

deepak hooda, ravi shastri, dinesh karthik (pic source- twitter)

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने दिनेश कार्तिक की जगह दीपक हुड्डा को खिलाने के भारतीय टीम मैनेजमेंट के फैसले पर सवाल उठाया है। उनके मुताबिक अगर दीपक हुड्डा से गेंदबाजी करवानी ही नहीं है तो उन्हें टीम में शामिल क्यों ही किया गया।

Advertisement
Advertisement

बता दें, भारत ने पाकिस्तान और श्रीलंका के खिलाफ सुपर-4 मुकाबले में हुड्डा को स्पिन ऑलराउंडर के रूप में प्लेइंग XI में शामिल किया था। हालांकि उन्हें इन दोनों ही मुकाबलों में एक भी ओवर फेंकने का मौका नहीं मिला, क्योंकि रोहित ने दोनों मुकाबलों में सिर्फ 5 ही गेंदबाजों से गेंदबाजी करवाई।

स्टार स्पोर्ट्स में बातचीत के दौरान शास्त्री ने कहा कि रवींद्र जडेजा की जगह अक्षर पटेल को तुरंत प्लेइंग XI में शामिल करना चाहिए था। उन्होंने कहा कि, ‘अगर जडेजा फिट नहीं है तो उनकी जगह अक्षर पटेल को तुरंत टीम में शामिल कर लेना चाहिए था। मुझे यह देखकर काफी हैरानी हुई कि दीपक हुड्डा नंबर 7 पर बल्लेबाजी करने आए और उन्हें दो मुकाबलों में एक भी ओवर फेंकने को नहीं मिला। अगर उनको हुड्डा से गेंदबाजी करवानी ही नहीं है तो दिनेश कार्तिक को क्यों नहीं प्लेइंग XI में शामिल कर रहे।’

उन्होंने आगे कहा कि, ‘ऋषभ पंत और दिनेश कार्तिक दोनों ही इस मुकाबले में खेल सकते थे। बल्लेबाजी क्रम बेहद जरूरी है। आप नंबर 6 या नंबर 7 पर एक अनुभवी फिनिशर को खिलाएंगे। जब एक खिलाड़ी अच्छा खेल रहा है तो उसे खेलने दीजिए। क्यों फालतू में बदलाव करना।’

ऋषभ पंत के बारे में भी सोचा जाए: रवि शास्त्री

ऋषभ पंत को लेकर शास्त्री ने कहा कि, ‘पंत के बारे में भी सोचा जाए। जिस तरीके का क्रिकेट उन्होंने खेला है वैसा बहुत कम लोग ही खेल पाए हैं। उन्होंने हमारे लिए कई मुकाबले जिताए हैं। हां, टी-20 में मैं कुछ नहीं कहूंगा, लेकिन बाकी दूसरे प्रारूपों में उन्होंने सच में शानदार प्रदर्शन किया है।’

उन्होंने आगे कहा कि, ‘अगर एक खिलाड़ी का आत्मविश्वास काफी ऊपर है, तो उसे ऊपर ही रहने दीजिए। अगर आप उनको सोचने के लिए ज्यादा मजबूर करेंगे तो वो वैसे भी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाएंगे। उनका आत्मविश्वास और गिर जाएगा। ऐसा सभी खिलाड़ियों के साथ हुआ है, बड़े खिलाड़ियों के साथ भी।’

Advertisement