डेविड वॉर्नर टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने से पहले इन देशों में अच्छा प्रदर्शन करना चाहते हैं
वॉर्नर ने इंग्लैंड के पेसर जेम्स एंडरसन का उदाहरण दिया, जो 39 वर्ष की उम्र में भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।
अद्यतन - दिसम्बर 29, 2021 12:42 अपराह्न
ऑस्ट्रेलिया के धाकड़ ओपनर डेविड वॉर्नर टेस्ट में भी अपनी आक्रामक बल्लेबाजी के लिए पहचाने जाते हैं, लेकिन वॉर्नर का बल्ला भारत और इंग्लैंड की पिचों पर उतना नहीं चल पाया है। भारत की धीमी और स्पिन के लिए मददगार पिचों पर वॉर्नर मात्र 24.25 की औसत से टेस्ट में रन बना पाए हैं। वहीं, इंग्लैंड में हुई 2019 की एशेज सीरीज की 10 पारियों में उनके बल्ले से सिर्फ 95 रन निकले। हालांकि, डेविड ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहने से पहले भारत और इंग्लैंड के दौरे पर अच्छा प्रदर्शन करने की इच्छा जताई है।
मुझे उम्मीद है मैं भारत और इंग्लैंड में अच्छा प्रदर्शन कर पाऊंगा- डेविड वॉर्नर
डेविड वॉर्नर ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के साथ बातचीत में अपने भविष्य को लेकर विस्तार से बात की। इसी दौरान उन्होंने भारत और इंग्लैंड वापस जाने की अपनी इच्छा के बारे में कहा, “हमने अब तक भारत को उनके देश में नहीं हराया है। वहीं, इंग्लैंड की धरती पर हमने 2019 में सीरीज को ड्रॉ किया था। उम्मीद है अगर मुझे वह मौका मिला, तो मैं वापस जाने के बारे में सोच सकता हूं।”
इसके अलावा वॉर्नर ने इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन की सराहना की, जिन्होंने बिना अपने प्रदर्शन में गिरावट के लंबे समय तक खेलने का उदाहरण स्थापित किया है। वार्नर ने कहा, “जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ रही है, हम उनको एक प्रेरणास्रोत के तौर पर देखते हैं। मेरे लिए महत्वपूर्ण यह है कि मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करता रहूं और टीम के लिए रन बनाते रहूं।”
मौजूदा एशेज सीरीज में डेविड वॉर्नर का बल्ला खूब चल रहा
ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच मौजूदा एशेज सीरीज के तीन मैच खेले जा चुके हैं, जिनमें सभी मुकाबले कंगारू टीम ने जीते हैं। व्यक्तिगत प्रदर्शन की बात करें तो डेविड वॉर्नर अभी सर्वाधिक रन बनाने वालों में तीसरे नंबर पर हैं। वॉर्नर ने तीन टेस्ट मैचों में 60 की शानदार औसत से 240 रन बनाए हैं, जिनमें दो अर्धशतक शामिल हैं।
अपनी बल्लेबाजी को लेकर डेविड वॉर्नर ने कहा, “पहले दो टेस्ट में, मैं वास्तव में एक सम्पूर्ण बल्लेबाज की तरह दिखता हूं। यह लगभग ऐसा है जैसे मैंने अपने अब तक के करियर में दूसरी तरह से खेला। इस बार मैंने गेंदबाजी और लाइन-लेंथ का सम्मान किया और जाहिर है कि अब तक मेरे बल्ले से शतक नहीं आया है।”