भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन (एचसीए) के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ेंगे। अजहरुद्दीन यह कदम इसलिए उठाने की तैयारी में हैं क्योंकि हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा कहा गया है कि वे अजहरुद्दीन को क्लब चुनवों में लड़ने की इजाजत नहीं देंगे।
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अजहरुद्दीन ने बीसीसीआई का एक पत्र जारी किया, जिसमें कहा गया है कि वे आईसीसी, बीसीसीआई और इनके संबद्ध संघों में पद प्राप्त करने के योग्य हैं। अजहरुद्दीन ने कहा, ‘इस पत्र के बावजूद हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन मुझे चुनाव लड़ने नहीं दे रहा है, जो कि मेरे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।
हालांकि 7 जनवरी को हुई स्पेशल जनरल मीटिंग से अजहरुद्दीन को वंचित रखा गया था, जिसके बाद हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष जी विवेक ने आरोप लगाया था कि अजहरुद्दीन एक अनऑफिसियल क्रिकेट निकाय से जुड़े हुए हैं। इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए अजहरुद्दीन ने कहा “वे बार-बार कहे जा रहे हैं कि मैंने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है। मैं असल में नेशनल क्रिकेट क्लब का उपाध्यक्ष हूं, जिसका पत्र मेरे पास मौजूद है। हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के रवैय के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए मैंने बीसीसीआई और सीओए को पत्र लिखा है।” इसपर मुझे उम्मीद है कि बीसीसीआई मेरे पत्र का जरूर जवाब देगा।
सीओए चीफ विनोद राय देश से बाहर हैं। अजहरुद्दीन ने कहा जब वे वापस आएंगे मैं निश्चित ही उनसे मुलाकात करुंगा।” इसके साथ ही अजहरुद्दीन ने यह भी कहा था कि एसोसिएशन में भ्रष्टाचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि एक महिला ने उनसे संपर्क किया था, जिसने खुलासा किया कि चयनकर्ताओं में से एक ने खिलाड़ी को चुनने के लिए पांच लाख रुपए की मांग रखी थी। आपको बता दें कि यह विवाद उस समय खड़ा हुआ था जब एचसीए अध्यक्ष ने लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के लिए बैठक आयोजित की थी। इस बैठक में पूर्व क्रिकेटर को शामिल नहीं किया गया, जिसके बाद वे नाराज हो गए।