‘पाकिस्तान की टीम ‘स्वार्थी’ बाबर आजम पर निर्भर है’- पूर्व क्रिकेटर ने सरेआम किया पाक कप्तान को ट्रोल

बाबर आजम सिर्फ अपने लिए रन बनाते हैं- दानिश कनेरिया

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Babar Azam (Image Credit-Twitter)

पाकिस्तान के पूर्व लेग स्पिनर दानिश कनेरिया ने पाकिस्तान क्रिकेट टीम को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि, बल्लेबाजों को सभी मैचों में कप्तान बाबर आजम पर निर्भर रहने के बजाय अपने खेल में सुधार करने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि बाबर टीम के हित के लिए नहीं खेलते हैं, वह केवल अपने व्यक्तिगत प्रदर्शन पर ज्यादा ध्यान देते हैं।

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दरअसल आपको बता दें कि, इस महीने की शुरुआत में अपने ही घर पर पाकिस्तान को न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में 1-2 से हार का सामना करना पड़ा था। उसकी के बाद दानिश कनेरिया ने अपनी टीम को लेकर ये बयान दिया था। पाकिस्तानी टीम जिसने पहले गेम में छह विकेट से शानदार जीत दर्ज की थी, उन्हें अगले दो मैच में हार का सामना करना पड़ा और इसके परिणामस्वरूप उन्हें सीरीज भी गंवानी पड़ी।

दानिश कनेरिया ने जमकर किया बाबर आजम को ट्रोल

इस बीच दानिश कनेरिया (Danish Kaneria) ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा, “अगर आप इस भारतीय टीम को देखें तो उसमें मैच विनर्स की भरमार है। लेकिन पाकिस्तान तीनों प्रारूपों में बाबर आजम पर बहुत अधिक निर्भर हैं और वह केवल अपने लिए स्कोर करते हैं। बाबर आजम 50-60 रन खुद के लिए बना रहे हैं और इससे टीम को कोई फायदा नहीं होता है और वह केवल हारती है। बाबर कभी भी टीम के लिए स्कोर नहीं करते हैं।”

दानिश कनेरिया ने आगे कहा कि, “हमारे पास अब शोएब अख्तर जैसे गेंदबाज नहीं है जो कभी भी विकेट लेना की क्षमता रखता हो। हमारे पास सईद अनवर, आमिर सोहेल, इमरान फरहत, तौफीक उमर और सलमान बट जैसे प्रभावशाली ओपनर बल्लेबाज नहीं हैं। हमारा मध्यक्रम मोहम्मद यूसुफ, यूनुस खान और इंजमाम-उल-हक जैसे खिलाड़ियों से भरा हुआ था। अब्दुल रज्जाक के रूप में हमारे पास एक बेहतरीन ऑलराउंडर था। वनडे में टीमें हमसे डरती थीं, लेकिन अब ऐसा नहीं है।”

इसके साथ ही दानिश कनेरिया ने न्यूजीलैंड के खिलाफ वनडे सीरीज में पाक बल्लेबाजों के खराब प्रदर्शन की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, “क्या हमने वनडे में कोई बड़ा स्कोर बनाया? क्या किसी ने दोहरा शतक लगाया? क्या कोई प्रभावशाली प्रदर्शन था? नहीं। हमें यह सब महसूस करने और भारत जैसे अन्य देशों से सीखने की जरूरत है जो अपनी परिस्थितियों का फायदा उठा रहे हैं, लेकिन यहां हम अपने अनुकूल परिस्थितियों में एक्सपोज होने से डरते हैं।”

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