BCCI ने 25 अक्टूबर को आधिकारिक तौर पर IPL में दो नई टीम लखनऊ और अहमदाबाद को शामिल किया। RPSG ग्रुप ने लखनऊ को 7,090 करोड़ रुपए में खरीदा, वहीं CVC कैपिटल पार्टनर ने अहमदाबाद टीम को 5,625 करोड़ रुपए देकर अपने नाम किया। लेकिन दो नई टीमों का ऐलान होते ही जल्द इसको लेकर विवाद भी छिड़ गया, एक रिपोर्ट में पता चला है कि दो नई टीमों में से एक के मालिक का संबंध ब्रिटेन की एक सट्टेबाजी कंपनी के साथ है।
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इस मुद्दे को लेकर IPL के पूर्व चेयरमैन ने सीधे BCCI पर निशाना साधा और बोर्ड की कड़ी आलोचना की। बाद में इस बात का खुलासा हुआ कि अहमदाबाद फ्रेंचाइजी के मालिक CVC कैपिटल का संबंध सट्टेबाजी कंपनी से है।
As I tweet this, the BCCI and CVC Capital, and their respective lawyers, are locked in a meeting in Dubai. There has been some serious discussion going on all day. As I said earlier, it’ll be a travesty if CVC are forced out of IPL. (1/22)
इस ख़बर को लेकर जाने माने पत्रकार के श्रीनिवास राव के अनुसार, अब इस मुद्दे को सुलझा लिया गया है। BCCI और CVC कैपिटल के वकीलों ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए बुधवार को दुबई में मुलाकात की, जिसके बाद अब BCCI ने उन्हें IPL टीम का मालिक होने के लिए फिट और उचित माना है। CVC ने विवाद को समाप्त करने के लिए अहमदाबाद फ्रेंचाइजी के मालिक होने के लिए भारतीय बोर्ड के साथ लेटर ऑफ इंटेंट पर भी हस्ताक्षर किया है।
Breaking now: BCCI & CVC Capital have resolved all issues. After several hours of discussion, BCCI has deemed CVC Capital 'fit & proper' to own an IPL franchise. CVC just signed a Letter of Intent (LOI) with BCCI to own Ahmedabad franchise.
CVC कैपिटल पार्टनस द्वारा जारी किए गए बयानों की मानें तो उनका टिपिको नाम की कंपनी में बड़ा हिस्सा है। इस कंपनी का बेस जर्मनी में काफी मजबूत है, साथ ही 2016 में यूके की स्काई बेटिंग और 2014 में गेमिंग में भी इस कंपनी ने कदम रखा था। इन जगहों पर सट्टेबाजी को मान्यता मिली हुई है, लेकिन इनमें से किसी का भी काम भारत में नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, BCCI के एक अधिकारी ने कहा है कि बोर्ड ने सभी चीजें देखने के बाद CVC को मान्यता दी है।