आईपीएल के 11 वें सीजन को लेकर बीसीसीआई कर सकती हैं बड़ा बदलाव

Advertisement

(Photo Source: Twitter)

डिसीजन रीव्यू सिस्टम जिसका एक समय तक यदि किसी क्रिकेट बोर्ड ने सबसे अधिक विरोध किया था तो वह भारतीय बोर्ड था लेकिन अब बीसीसीआई इस सिस्टम को टी20 की सबसे बड़ी लीग आईपीएल में भी लागू करने का विचार कर रही हैं, इससे पहले बोर्ड ने इस सिस्टम को भारत में होने वाले सभी मैच में लागू करने की भी मंजूरी दे दी थी.

Advertisement
Advertisement

भारतीय क्रिकेट बोर्ड आईपीएल के 11 वें सीजन से डीआरएस के उपयोग की अनुमति दे सकता है, जो कि बोर्ड का एक काफी बड़ा कदम माना जाएगा क्योंकी भारतीय बोर्ड आईसीसी के इस सिस्टम का काफी लम्बे समय तक विरोध करता रहा था क्योंकी वे इसे तकनीकी रूप से पूरी तरह सही नहीं मानते थे.

डीआरएस को लेकर करायीं वर्कशॉप

बीसीसीआई ने अपने टॉप के 10 अंपायरों को विशाखापट्टनम में एक वर्कशॉप के लिए बुलाया था जिसके बाद एक अंपायर ने इस वर्कशॉप के बारे में एक निजी अखबार को बयान देते हुए कहा था कि ऐसा पहली बार हुआ है, कि बीसीसीआई ने डीआरएस को लेकर कोई वर्कशॉप कराई हो. यह सिस्टम आने वाले समय में इस खेल के लिए काफी उपयोगी साबित होने वाला है और इसी कारण बीसीसीआई इसे आईपीएल में भी लागू करने पर विचार कर रही हैं.

बॉल ट्रेकिंग को लेकर जताई थी नाराजगी

बीसीसीआई ने आईसीसी से डीआरएस में बॉल ट्रेकिंग सिस्टम को लेकर अपनी नाराजगी जताई थी जिसके बाद आईसीसी ने इस तकनीक में काफी बदलाव किये हैं जिसके बाद बीसीसीआई अब इसे पूरी तरह से अपनाने पर विचार कर रही हैं.

क्रिकेट के खेल में सबसे पहले डीआरएस का उपयोग सबसे पहले साल 2009 में न्यूज़ीलैंड और पाकिस्तान के बीच खेली गयीं टेस्ट सीरिज में हुआ था उस समय से लेकर अब तक डीआरएस को तकनीकी रूप से काफी मजबूत कर दिया गया हैं.

डीआरएस का ज्ञान

भारतीय अंपायरों को डीआरएस की बारीकियों को समझाने के लिए इस वर्कशॉप में आईसीसी के हेड अंपायर कोच डेनिस बर्न्स के साथ मौजूदा अंपायर और ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ी पॉल रायफल थे. इन दोनों ने ही भारतीय अंपायरों को क्रिकेट की इस नई तकनीक के बारे में अच्छी तरह से समझाने का काम किया.

Advertisement