Ishan Kishan BCCI Controversy: IPL में खेलने के लिए बोर्ड ने किशन के सामने रखी ये शर्त, नहीं तो खत्म हो जाएगा करियर

दक्षिण अफ्रीका दौरे को बीच में छोड़कर भारत लौट आए थे ईशान किशन।

Advertisement

Ishan Kishan. (Image Source: BCCI X)

टीम इंडिया के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ईशान किशन का प्रथम श्रेणी क्रिकेट में नहीं खेलना और केवल इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) पर ध्यान केंद्रित करना बीसीसीआई को रास नहीं आया। पता चला है कि बीसीसीआई के अधिकारी पहले ही किशन को 16 फरवरी से जमशेदपुर में राजस्थान के खिलाफ होने वाले झारखंड के अंतिम लीग मैच में खेलने का निर्देश दे चुके हैं।

Advertisement
Advertisement

भारतीय क्रिकेट बोर्ड अब सख्त नियम लाने की तैयारी में है। सूत्रों की माने तो अब आईपीएल में खेलने के लिए प्लेयर्स को कम से कम तीन रणजी ट्रॉफी मैच खेलने जरूरी होंगे। किशन यात्रा से जुड़ी थकान के कारण दक्षिण अफ्रीका दौरे के बीच से स्वदेश लौट गए थे और इसके बाद उन्होंने कोई मैच नहीं खेला जो बीसीसीआई के अधिकारियों को रास नहीं आया।

IPL में हिस्सा लेने के लिए रणजी ट्रॉफी खेलना अनिवार्य

इस बीच ईशान किशन मुंबई इंडियंस के नवनियुक्त कप्तान हार्दिक पंड्या के साथ बड़ौदा में अभ्यास करते हुए देखा गया जबकि उनकी रणजी टीम झारखंड अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही थी। ईशान किशन की इस हरकत को देखकर बीसीसीआई अब एक कठोर निति करने के विचार में है, ताकि युवा खिलाड़ी केवल आईपीएल में खेलने को अपनी आदत नहीं बना सकें।

बीसीसीआई के एक सीनियर अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर PTI के हवाले से कहा है कि, ”बीसीसीआई के नीति निर्धारक इस बात से अच्छी तरह वाकिफ हैं की कुछ खिलाड़ी लाल गेंद की क्रिकेट में नहीं खेलना चाहते हैं। अगर वह भारतीय टीम से बाहर हैं तो वह मुश्ताक अली टी-20 टूर्नामेंट के कुछ मैच में खेलकर उसके बाद प्रथम श्रेणी सत्र के दौरान अपनी राज्य की टीम से नहीं जुड़ते हैं।”

उन्होंने कहा, ”खिलाड़ियों को ऐसा करने से रोकने के लिए बोर्ड रणजी ट्रॉफी के तीन-चार मैच में खेलना अनिवार्य कर सकता है। अगर खिलाड़ी ऐसा नहीं करता है तो वह आईपीएल में नहीं खेल सकता है और यहां तक कि अगर उनकी फ्रेंचाइजी ने उन्हें रिलीज कर दिया तो वह आईपीएल नीलामी में भाग नहीं ले सकते हैं।” अधिकारी ने कहा, ”स्टेट बोर्ड का मानना है कि बीसीसीआई को इस संबंध में कुछ कड़े नियम बनाने चाहिए ताकि युवा खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी को हेय दृष्टि से ना देखें।”

Advertisement