ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच एशेज सीरीज के पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन बेन स्टोक्स के पहले ओवर को लेकर बड़ा विवाद छिड़ गया है। स्टोक्स ने अपने पहले ही ओवर की चौथी गेंद पर डेविड वॉर्नर को क्लीन बोल्ड कर दिया था, लेकिन जब उस गेंद को टीवी अंपायर ने चेक किया तो उन्हें पता चला कि यह नो बॉल है।
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लेकिन असली विवाद तब शुरू हुआ जब रिप्ले में देखा गया कि स्टोक्स के उस ओवर की पहली चारों गेंद नो बॉल ही थीं, लेकिन अंपायर ने सिर्फ उस गेंद को नो बॉल करार दिया, जिस पर वॉर्नर बोल्ड हुए थे। जब वॉर्नर को वह जीवनदान मिला तब वह 17 रन पर खेल रहे थे।
अब, ICC वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) के लिए मौजूद नियम पर एक नजर डालते हैं। ICC के नियम के मुताबिक टीवी अंपायर को हर गेंद देखनी होती है कि यह नो बॉल है या नहीं, इसके लिए नई तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाता है।
नियम में कहा गया है कि, “तीसरा अंपायर गेंदबाज के फ्रंट फुट लैंडिंग की समीक्षा करेगा और, अगर वह संतुष्ट है कि इन तीन शर्तों में से कोई भी पूरा नहीं हुआ है, तो वह तुरंत गेंदबाज के अंपायर को सलाह देगा और वह अंपायर अपने फैसले को बदलते हुए नो बॉल का इशारा करेगा।”
स्टोक्स के ये लगातार चार नो बॉल एक बड़ा विवाद का मुद्दा बन गया है। ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग और पूर्व अंपायर साइमन टॉफेल ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और इसकी कड़ी निंदा की है। साइमन टॉफेल ने कहा कि, “अंपायर को गेंद की जांच करनी चाहिए। मैं वास्तव में इसकी व्याख्या नहीं कर सकता।”
वहीं मैच की बात करें तो मेजबान ऑस्ट्रेलिया की शुरुआत भी खराब रही और 11 रनों के स्कोर पर मार्कस हैरिस आउट हो गए, लेकिन इसके बाद मार्नस लाबुशेन और डेविड वॉर्नर ने मिलकर टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। खबर लिखे जाने तक ऑस्ट्रेलिया की टीम पांच विकेट के नुकसान पर 220 रन बना चुकी थी और वह इंग्लैंड से इस वक्त 73 रन आगे है।