भारत के अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने हाल ही में मोहाली में श्रीलंका के खिलाफ संपन्न पहले टेस्ट मैच में एक खास उपलब्धि हासिल की हैं। अश्विन ने मोहाली टेस्ट में 6 विकेट लिए थे और इस दौरान वह टेस्ट क्रिकेट में भारत के दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए।
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35-वर्षीय अश्विन ने भारत के महान ऑलराउंडर कपिल देव के 434 टेस्ट विकेट के रिकॉर्ड को तोड़ा और टेस्ट क्रिकेट में अनिल कुंबले के बाद भारत के सबसे सफल गेंदबाज बन गए हैं। अश्विन के नाम अब 436 टेस्ट विकेट हो गए हैं, और इस स्पिनर ने अपने करियर के 85वें टेस्ट मैच में कपिल देव के रिकॉर्ड को पछाड़ा हैं, और देश के दूसरे सबसे सफल गेंदबाज बन गए हैं।
रविचंद्रन अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल पर खुलासा किया है कि वह बचपन में एक बल्लेबाज बनना चाहते थे और कपिल देव की तरह मध्यम तेज गेंदबाजी की कोशिश करते थे ताकि वे एक दिन भारत के अगले कपिल देव बन सके। अश्विन ने यह भी बताया कि 28 साल पहले जब कपिल देव ने दिग्गज रिचर्ड हेडली का रिकॉर्ड तोड़ा था तो वह अपने पिता के साथ बैठकर उनके लिए तालियां बजा रहे थे।
पिता की सलाह पर आर आश्विन करते थे तेज गेंदबाजी
कपिल देव का रिकॉर्ड तोड़ने को लेकर अश्विन ने अपने यूट्यूब चैनल परकहा, “बहुत विनम्र महसूस कर रहा हूं। 28 साल पहले मैं अपने पिता के साथ कपिल पाजी के लिए चीयर कर रहा था, जब उन्होंने रिचर्ड हेडली के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा था। मैंने तो कभी अपने सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं उनके विकेटों की संख्या को पीछे छोड़ पाऊंगा क्योंकि मैं हमेशा एक बल्लेबाज बनना चाहता था, खासकर जब मैंने आठ साल की उम्र में शुरुआत की थी।”
उन्होंने आगे कहा साल 1994 में बल्लेबाजी उनका जुनून था। उस समय सचिन तेंदुलकर उभर रहे थे और कपिल देव गेंद के शानदार स्ट्राइकर थे। आश्विन ने आगे बताया उन्होंने अपने पिता की सलाह सुनकर मध्यम तेज गेंदबाजी करना शुरू कर दी थी ताकि वह अगले कपिल देव बन सके। फिर वहां से ऑफ स्पिनर बनना और इतने सालो तक भारत का प्रतिनिधित्व करना, उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह भारत के लिए खेल पाएंगे।