मेजबान ब्रॉडकास्टर सुपरस्पोर्ट ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हाल ही में खत्म हुए तीसरे टेस्ट के दौरान कुछ भारतीय खिलाड़ियों द्वारा लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है। प्रतियोगिता के तीसरे दिन विवाद ने मुख्य भूमिका निभाई जब एक डीआरएस ने डीन एल्गर को आउट होने से बचा लिया। इससे पहले दक्षिण अफ्रीका के कप्तान को मैदानी अंपायर मरे इरास्मस ने एलबीडब्ल्यू करार दिया था।
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ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की एक फुल लेंथ डिलीवरी थी, जो सीधे बल्लेबाज के पैड पर जाकर लगी और उसी पर अंपायर ने आउट करार दिया। निर्णय को चुनौती देते हुए, एल्गर ने डीआरएस का विकल्प चुना जिसने मैदानी अंपायर के निर्णय को पलट दिया। बॉल-ट्रैकिंग तकनीक हॉक-आई ने दिखाया कि गेंद स्टंप्स के ऊपर से गई होगी, जिस वजह से उन्हें बाद में नॉट आउट दिया गया।
भारतीय खिलाड़ी इस फैसले से हैरान रह गए और उन्होंने स्टंप माइक्रोफोन के पास अपना गुस्सा निकाला। सबसे पहले कप्तान विराट कोहली ने ब्रॉडकॉस्टर्स की ओर इशारा करते हुए कहा था कि अपनी टीम की ओर भी ध्यान दिया करो, जब वो लोग गेंद को चमकाने में लगे रहते हैं। केवल विपक्षी टीम पर फोकस करना बंद करो। हर समय लोगों को पकड़ने की कोशिश करते लगते हो।”
इसके बाद कई भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए इसका इस्तेमाल किया। इस दौरान केएल राहुल को कहते सुना गया कि, ‘‘पूरा देश 11 खिलाड़ियों के खिलाफ है।’’ तो वहीं अन्य खिलाड़ी ने कहा, ‘‘प्रसारणकर्ता यहां पैसे बनाने के लिए हैं।”
सुपर स्पोर्ट के ब्रॉडकास्टर ने हॉक-आई तकनीक को लेकर दिया यह बयान
इसी का जवाब देते हुए सुपर स्पोर्ट के ब्रॉडकास्टर ने कहा कि, टेस्ट सीरीज में इस्तेमाल किए जाने वाले निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) पर उसका कोई नियंत्रण नहीं है। प्रसारणकर्ता ने कहा कि, “सुपरस्पोर्ट का हॉक-आई तकनीक पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है। हॉक-आई एक स्वतंत्र सेवा प्रदाता है, जिसे आईसीसी द्वारा अनुमोदित किया गया है और उनकी तकनीक को कई वर्षों से डीआरएस के अभिन्न अंग के रूप में स्वीकार किया गया है।”