खेल के मैदान पर विकेट के सामने खड़े होकर बाधा डालना एक अनैतिक कार्रवाई के रूप में माना गया है और इतिहास में कई बार उस घटना के लिए खिलाड़ियों को जुर्माना देते हुए या दंडित होते हुए देखा है। इसी बीच इंटरनेट पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें दिव्या सक्सेना नाम की कनाडा की खिलाड़ी मैदान पर खेल को बाधित करते हुए दिख रही है। उसके द्वारा खेले गए शॉट को जब कैच करने की कोशिश की गई तो वह बीच में आकर खिलाड़ियों का ध्यान भंग करते हुए नजर आई।
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यह घटना पिछले हफ्ते ICC महिला टी-20 वर्ल्ड कप क्वालिफायर के दौरान देखने को मिली जहां कनाडा और अमेरिका की टीमें आमने-सामने थीं जहां जीत कनाडा की टीम की हुई। यह दृश्य पारी के पहले ओवर में देखने को मिला जब अमेरिकी तेज गेंदबाज सारा फारूख ने सक्सेना को गेंदबाजी की। उन्होंने उस ओवर में एक गेंद हवा में खेला और कैच करने के लिए कई खिलाड़ी सामने आए। इसी बीच बल्लेबाज जानबूझकर उन खिलाड़ियों के बीच में आ गई और विपक्षी टीम की विकेटकीपर सिंधु श्रीहर्ष को कैच पकड़ने से रोकते हुई दिखी।
दिव्या सक्सेना ने मौके का फायदा उठाते हुए बनाए 40 रन
अमेरिका की टीम ने निस्संदेह उस घटना के लिए कार्रवाई की अपील की लेकिन मैदान पर मौजूद अंपायर ने सभी को आश्चर्यचकित करते हुए सक्सेना को अपनी पारी जारी रखने की अनुमति दी। बाद में दिव्या सक्सेना ने कुल 40 रन बनाए। जैसे ही उस घटना को लोगों ने देखा, उन्होंने इसे घटिया करार दिया और कई लोगों ने अंपायर को उनके पद से हटाने की मांग की। साथ ही यह भी कहा कि सक्सेना को तुरंत संन्यास ले लेना चाहिए।
यहां देखिए वह वीडियो
From last week in Mexico… @usacricket Women loss by 7 runs to Canada. Blatant obstructing the field by opener Divya Saxena off her first ball in the first over of play. Given not out. She went on to make 40 out of Canada's total of 85. pic.twitter.com/WHRbryODSk
नियम 37.3 के अनुसार बल्लेबाज को मैदान पर बाधा डालने के लिए जाना जाता है। उस नियम में कहा गया है कि बल्लेबाज अगर जानबूझकर मैदान पर खेल के बीच में बाधा डालता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
इस वीडियो को देख न्यूजीलैंड के क्रिकेटर जिम्मी नीशम ने भी ट्वीट करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि,”मुझे पता है कि वह कोई आदर्श काम नहीं है, यह धोखे वाला काम है। लेकिन फिर भी बहुत मजेदार है।” कुछ इसी प्रकार का दृश्य साल 2015 में भी देखने को मिला था जहां एक मैच में बेन स्टोक्स को मिचल स्टार्क के सामने बाधा डालने के लिए आउट करार दिया गया था।