यह सवाल सभी क्रिकेट खेलने वाले देश के बोर्ड अधिकारियों को परेशान करता रहता है। कोई इसके पक्ष में तो कोई विपक्ष में। कुछ लोग बीच का रास्ता निकालते हुए कुछ दिनों की परमिशन उन्हें दे देते हैं।
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भारतीय क्रिकेट बोर्ड भी पहले इसके खिलाफ था। कभी वो हां कहता तो कभी ना। विराट कोहली की शादी के बाद से नजारा थोड़ा बदल गया है। पत्नी अनुष्का के प्यार में विराट कितने डूबे हुए हैं सभी को पता है। अनुष्का से दूरी उन्हें बर्दाश्त नहीं होती इसलिए वे विदेशी दौरों पर अनुष्का को साथ ले जाते हैं।
कप्तान को यह करता देख दूसरे खिलाड़ी भी अपनी पत्नी/गर्लफ्रेंड को साथ ले जाने की जिद करने लगे। विराट को रोकने का साहस तो किसी में है नहीं इसलिए दूसरे खिलाड़ियों के लिए भी दरवाजे खोल दिए गए। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर हमने देखा कि ज्यादातर खिलाड़ियों के साथ परिवार वाले थे।
अब बीसीसीआई को यह सब भारी लग रहा है। वैसे तो खिलाड़ी अपने परिवार वालों का सारा खर्चा खुद उठाते हैं, लेकिन बोर्ड को भी कुछ जवाबदारी उठाना पड़ती है। जैसे टिकट बुक कराना। होटल बुक कराना। होटल से स्टेडियम की व्यवस्था करना।
एक अधिकारी का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर 40 लोगों की व्यवस्था करना होती थी। दो बसें लगती थीं। माना कि खर्चा खिलाड़ी देते हैं, लेकिन व्यवस्था तो बोर्ड को जमानी होती है। यह सब बहुत मुश्किल है और सामंजस्य बैठाना कठिन। सब कुछ अंतिम वक्त पर तय होता है।
इंग्लैंड में विश्व कप होने वाला है और बोर्ड दिक्कतों से बचना चाहता है। एक अधिकारी ने कहा- यह मैनेज करना मुश्किल है और बात सिर्फ पैसों की नहीं है। देखने वाली बात होगी बोर्ड भविष्य में क्या कदम उठाता है।