अलाना किंग ने महिला आईपीएल (WIPL) के लिए चुनी अपनी पसंदीदा टीम

ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर अलाना किंग के माता-पिता का भारत से हैं खास संबंध!

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Alana King (Photo Source: Twitter)

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की फ्रेंचाइजी चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) के चाहने वाले केवल भारत में ही नहीं हैं, बल्कि दुनिया के चारो ओर फैले हुए हैं, और इसका काफी श्रेय भारत के पूर्व कप्तान एमएस धोनी को जाता है। चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) ने करिश्माई कप्तान एमएस धोनी के नेतृत्व में चार आईपीएल खिताब जीते है।

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हालांकि, सीएसके (CSK) के लिए जारी आईपीएल 2022 (IPL 2022) बेहद निराशाजनक रहा, क्योंकि गत विजेता टीम इस सीजन केवल चार मैच जीत पाई, जिसके बावजूद फ्रेंचाइजी की लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई हैं।

इस बीच, ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर अलाना किंग ने सीएसके (CSK) के लिए अपना स्नेह व्यक्त किया है। दरअसल, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने अगले साल से महिला आईपीएल (WIPL) के आगाज का ऐलान कर दिया है, और अलाना किंग ने सीएसके (CSK) को अपनी पसंदीदा टीम के रूप में चुना।

अलाना किंग की पसंदीदा टीम सीएसके (CSK) है

ऑस्ट्रेलिया महिला क्रिकेट टीम की स्टार ऑलराउंडर ने अलाना किंग कहा अगर सीएसके (CSK) महिला आईपीएल (WIPL) में प्रवेश करती है, तो वह इस प्रतिष्ठित फ्रेंचाइजी का हिस्सा बनना चाहेंगी। इस समय अलाना किंग महिला टी-20 चैलेंज 2022 में सुपरनोवा टीम का हिस्सा।

उन्होंने सीएसके (CSK) के लिए खेलने के पीछे की वजह का भी खुलासा किया। आपको बता दें, अलाना किंग के दिल में भारत की खास जगह है, क्योंकि ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर के माता-पिता, लेरॉय और शेरोन, चेन्नई से ताल्लुक रखते हैं, और यहीं वजह हैं कि वह महिला आईपीएल (WIPL) में सीएसके (CSK) के लिए खेलना चाहती हैं।

अलाना किंग ने इंडिया टुडे के हवाले से कहा, “मेरे लिए सीएसके के अलावा किसी अन्य टीम को चुनना असंभव है क्योंकि मेरे माता-पिता दोनों चेन्नई से हैं, और मैं शुरुआत से सीएसके को फॉलो कर रही हूं। निश्चित रूप से, मैं चाहूंगी कि सीएसके महिला आईपीएल में भी हिस्सा ले और यह निश्चित रूप से मेरी पसंदीदा टीम होगी।”

उन्होंने आगे कहा, “मुझे पता है कि भारतीय खिलाड़ी हिंदी बोलते हैं। हालांकि, मैं स्पष्ट रूप से हिंदी नहीं बोल सकती या समझ सकती, लेकिन भारतीय महिला टीम के क्रिकेटर मुझे हिंदी के कुछ शब्द सिखा रहे हैं। इसलिए उम्मीद है कि मैं थोड़ी बहुत हिंदी सीख पाऊं। मेरे माता-पिता तमिल बोल सकते हैं, लेकिन उन्होंने मुझे और मेरे भाई को थोड़ी भी तमिल नहीं सिखाया, इसलिए न तो मैं इस भाषा को समझ सकती हूं और ना बोल सकती हूं।”

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