साल 2019 के वनडे वर्ल्डकप के सेमी-फाइनल में न्यूजीलैंड के हाथों मिली हार को आज तक कोई भी भारतीय फैंस भुला नहीं पाया है। उस मैच में भारतीय टीम की रणनीति को लेकर कई सारे सवाल हार के बाद उठाए गए थे। जिसमें अब इस हार को 3 साल बीत जाने के बाद पूर्व भारतीय खिलाड़ी पार्थिव पटेल ने भी एक सवाल फिर से पूछ दिया कि आखिर धोनी को उस मुकाबले में नंबर-7 पर बल्लेबाजी के लिए क्यों भेजा गया था।
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कीवी टीम के खिलाफ इस सेमी-फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम को जीत हासिल करने के लिए 240 रनों का लक्ष्य का मिला था। लेकिन शुरुआती विकेट जल्दी गंवाने की वजह से टीम इंडिया काफी मुसीबत में आ गई थी। ऐसे में अनुभवी महेंद्र सिंह धोनी से पहले दिनेश कार्तिक और हार्दिक पांड्या को बल्लेबाजी के लिए भेजना यह फैसला किसी के समझ में नहीं आया था।
कई भारतीय फैंस का उस समय ऐसा मानना था कि यदि धोनी को पहले बल्लेबाजी के लिए भेजा जाता तो वह विकेट गिरने के सिलसिले को रोक सकते थे। जिससे भारतीय टीम इस मैच में वापसी कर सकती थी, लेकिन उनसे पहले कार्तिक और पांड्या को बल्लेबाजी के लिए भेजा गया जिससे भारतीय टीम अधिक दबाव में आ गई।
क्रिकबज पर एक चर्चा के दौरान पूर्व भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज पार्थिव पटेल ने एक बार फिर से इसी रणनीति को लेकर सवाल पूछा जिसमें उनके अनुसार यदि आपको लगता है कि धोनी इस मैच में टीम को जीत दिला सकते थे, तो आपको उन्हें बल्लेबाजी क्रम में इतना नीचे नहीं भेजना चाहिए था। मुझे नहीं पता क्या धोनी ड्रेसिंग रूम में बैठकर इस मैच को जिताते क्योंकि उन्हें नंबर-7 पर भेजने का उस समय कोई मतलब नहीं था।
पिछले कुछ वर्ल्डकप में भारतीय टीम द्वारा की गलतियों को पार्थिव पटेल ने किया उजागर
पार्थिव पटेल ने इस शो में आगे भारतीय टीम की पिछले कुछ वर्ल्डकप में की गई गलतियों को लेकर भी बात की। जिसमें उनके अनुसार साल 2021 के टी-20 वर्ल्डकप में युजवेंद्र चहल को टीम में शामिल ना करना एक सबसे बड़ी गलती थी। वहीं चैंपियंस ट्रॉफी 2017 में भारतीय द्वारा पहले गेंदबाजी करने का फैसला भी काफी गलत था।
पटेल ने अपने बयान में कहा कि, जब आप साल 2017 के चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम की हार को लेकर विश्लेषण करेंगे तो उसमें पहले गेंदबाजी करने का फैसला पूरी तरह से उस विकेट पर गलत था। जबकि साल 2019 के वनडे वर्ल्ड कप में हम नंबर-4 के लिए अपने किसी बल्लेबाज को तय नहीं कर सके जिसकी खोज पिछले 2 सालों से की जा रही थी।