भारतीय टीम के तेज गेंदबाज इशांत शर्मा पिछले 1 साल से चयनकर्ताओं की स्कीम से बाहर है। उनको पिछले काफी समय से टेस्ट क्रिकेट में खेलते हुए नहीं देखा गया है। हालांकि इशांत शर्मा का कहना है कि वर्कलोड मैनेजमेंट जैसा कुछ नहीं होता है और उनके समय यह सब चीजें नहीं होती थी।
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बता दें, इशांत शर्मा ने अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू 18 वर्ष की उम्र में मई 2007 में बांग्लादेश के खिलाफ किया था। उस समय भारतीय टीम के पास कई बेहतरीन तेज गेंदबाज थे। यही नहीं उस समय गेंदबाजों के चोटिल होने की खबरें भी बहुत ही कम सुनने को मिलती थी लेकिन पिछले कुछ समय से वर्कलोड मैनेजमेंट के चलते तेज गेंदबाजों के चोटिल होने की खबरें सामने आ रही है।
हालांकि भारतीय टीम के पास एक अच्छी बात यह है कि उनके पास काफी बेहतरीन और युवा तेज गेंदबाज हैं जिन्होंने पिछले कुछ समय में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है।
मैंने अपने शुरुआती अंतरराष्ट्रीय करियर में ऐसा बिल्कुल भी नहीं देखा है: इशांत शर्मा
ईशांत शर्मा ने स्पोर्ट्सस्टार को कहा कि, ‘मैं इस समय यही कहना चाहूंगा कि वर्कलोड को लेकर ज्यादा नहीं सोचना चाहिए। ये ऐसी चीज है जो हालिया समय में देखने को मिली है, खासतौर पर तेज गेंदबाजों के लिए। मैंने अपने शुरुआती अंतरराष्ट्रीय करियर में ऐसा कभी नहीं सुना था। जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था तो मेरे कोच काफी पुरानी सोच वाले थे। वो मुझे 1 बजे दिन में गेंद देते थे और जब तक सूरज ढल नहीं जाता था तब तक वो मुझसे गेंदबाजी कराते रहते थे।’
तेज गेंदबाज ने आगे कहा कि, ‘ इसी वजह से मैं लंबा स्पेल फेंक सकता हूं। मैंने रणजी ट्रॉफी के लिए डेब्यू किया था और बाद में भारतीय टीम के लिए भी मैंने कभी भी इन सब चीजों के बारे में नहीं सोचा। अगर आपको बेहतर होना है तो लगातार गेंदबाजी करनी जरूरी है।’
टी-20 वर्ल्ड कप 2022 से पहले जसप्रीत बुमराह भी चोटिल होने की वजह से इस शानदार टूर्नामेंट में नहीं खेल पाए थे। मोहम्मद शमी और दीपक चहर भी चोटिल होने की वजह से बांग्लादेश में खेली जा रही टेस्ट सीरीज में हिस्सा नहीं ले रहे हैं।