सौरव गांगुली के बारे बीजेपी से जुड़ने को लेकर चली गलत खबर सोशल मीडिया पर

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Sourav Ganguly. (Photo Source: Twitter)

भारत में इस समय गलत खबरों को काफी तेज़ी से चलाया जा रहा है सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरियें जिसमें कुछ दिन पहले ही भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को लेकर चली थी जिसमें वह भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़ने वाले है ऐसी अफवाह काफी तेज़ी के साथ फैली थी.

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फेसबुक पर एक पेज “पश्चिम बंगा बीजेपी चाय” ने एक पोस्ट शेयर किया था जिसमें उन्होंने इस बात को पुख्ता तौर पर कहा था कि सौरव गांगुली बीजेपी के साथ जुड़ने जा रहे है और इस पोस्ट में उन्होंने बंगाली भाषा में लिखा था. जिसका अनुवाद करने पर लिखा था कि “पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी और कप्तान सौरव गांगुली बीजेपी के साथ जुड़ने वाले है और नरेंद्र मोदी सबका साथ और सबका विश्वास एजेंडा को ज्वाइन करने वाले है आज इस खबर के बाद सभी को खुश होना चाहिए इस खबर को अधिक से अधिक शेयर करें.”

लेकिन इस खबर में किसी भी तरह की कोई भी सच्चाई नहीं थी. गांगुली मौजूदा समय में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ़ बंगाल के प्रेसिडेंट है और वह बीजेपी सहित किसी भी राजीनीतिक पार्टी के साथ जुड़ने नहीं जा रहे है.

पहले क्या हुआ था

ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि गांगुली का नाम किसी राजीनीतिक पार्टी के साथ जोड़ा गया है. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में उन्होंने जिस तरह से भारत के नाम को ऊँचा किया है उस वजह से कोलकाता ही क्या पूरे भारत में उनको काफी सारे लोग चाहते है. वेस्ट बंगाल की कई पार्टियों ने भी उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करने को लेकर प्रस्ताव उनके सामने रखा था.

साल 2014 के लोकसभा चुनाव के समय भी बीजेपी ने दादा को चुनाव लड़ने के लिए पूछा था क्योंकि उन्हें सभी बेहद चाहते है और नरेंद्र मोदी भी प्रधानमंत्री बनने से पहले उन्हें भारत सरकार में खेल मंत्री बनते हुए देखना चाहते थे.

गांगुली ने दिया ये जवाब

सौरव गांगुली ने अपनी तरफ से इन सभी मामलों में सफाई पेश करते हुए कहा कि उनका किसी भी तरह से राजनीति में आने का कोई भी इरादा नहीं है. गांगुली ने अपने बयान में कहा कि “हां बीजेपी ने मेरे सामने प्रस्ताव रखा था लेकिन मैंने उसे मना कर दिया कि मैं कोई भी चुनाव नहीं लड़ने जा रहा हूँ.” यह बात गांगुली ने 2014 चुनाव के समय कही थी. साथ ही उन्हें राज्यसभा सीट का भी प्रस्ताव दिया गया था जैसे सचिन तेंदुलकर को लेकिन इसको लेकर भी गांगुली ने मना कर दिया था और कहा था कि “नहीं मेरा स्थान क्रिकेट ग्राउंड पर ना कि संसद में.”

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