क्रिकेट एक जुनून है जिसके सर चढ़ जाए उसे क्रिकेट के अलावा कुछ नहीं दिखता है. ऐसा ही हुआ देश के मशहूर उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला के 20 वर्षीय बेटे आर्यमन के साथ जिनके सर क्रिकेट का बुखार ऐसा चढ़ा की आर्यमन अपने पिता की 5 लाख करोड़ से अधिक के बिजनेस को ठुकराकर क्रिकेट में अपना कैरियर बनाने की ओर निकल पड़े है. और जगह-जगह जाकर क्रिकेट खेल रहे हैं.
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आर्यमन हाल ही में मध्यप्रदेश के रणजी के टीम में शामिल हुए है. और मैदान पर जमकर पसीना बहा रहे है वही आर्यमन अंडर 23 के लिए सी के नायडू ट्रॉफी में खेलते हुए दोहरा शतक लगा चुके हैं. साथ ही अब तक तीन शतक लगा चुके हैं यह बाएं हाथ के धमाकेदार बल्लेबाज है. अब उनका टारगेट है टीम इंडिया में कैसे पहुंचना और भारत के लिए बल्लेबाजी करना.
अपने एक साक्षात्कार में आर्यमन बताते हैं की उन्हें बिजनेस की बातें करना बिल्कुल पसंद नहीं है और क्रिकेट में अपने प्रदर्शन के बल पर अपना कैरियर बनाना चाहते हैं क्रिकेट उनका पैशन है उन्हें किसी सोर्स के बदौलत टीम में जगह नहीं बनानी है ना ही किसी प्रकार का चयन कराना है देखा जाए तो देश के कई ऐसे बड़े खिलाड़ी या बड़े नाम ऐसे हैं जिन्होंने अपने बेटे को टीम में सिलेक्शन में काफी मदद की है.
साथ ही आर्यमन ने यह भी बताया कि वह बचपन से क्रिकेट खेलते आ रहे है भारत में क्रिकेट को धर्म की तरह माना जाता है मुंबई में भी बहुत लोकप्रिय हैं मैं भी वहां से क्रिकेट में बहुत कुछ सीखा हूं मध्यप्रदेश में भी क्रिकेट को लोग बहुत चाहते हैं मैं 3 वर्ष पहले अंडर-19 के लिए भी खेल चुका हूँ. जहां आर्यमन क्रिकेट जगत में किसी को अपना आदर्श नही मानते है उनका कहना है कि जिन खिलाड़ियों के साथ में खेलता हूं उन्ही से सीखता हूं और वही मेरे आदर्श हुए.