भारत में होने वाले वर्ल्ड कप के बाद इंग्लैंड को लग सकता है तगड़ा झटका, यह अनुभवी खिलाड़ी वनडे फॉर्मेट से ले सकते हैं संन्यास…
मोईन अली ने इस बात की पुष्टि की है कि अगर वो वनडे प्रारूप से संन्यास लेते भी हैं तो भी वो फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलते हुए नजर आएंगे।
अद्यतन - मार्च 14, 2023 5:17 अपराह्न

इंग्लैंड के अनुभवी ऑलराउंडर मोईन अली ने कहा है कि वो 2023 वर्ल्ड कप के बाद वनडे क्रिकेट से संन्यास लेने पर विचार कर रहे हैं। बता दें, यह बेहतरीन टूर्नामेंट इसी साल भारत में अक्टूबर और नवंबर महीने में खेला जाएगा। मोईन अली हमेशा से ही इंग्लैंड के महत्वपूर्ण खिलाड़ी रहे हैं।
अगर इंग्लैंड को इस बार का वनडे वर्ल्ड कप भी अपने नाम करना है तो मोईन अली को अच्छा प्रदर्शन करना बेहद जरूरी होगा। हालांकि अब टीम इस बात से भी काफी खुश होगी कि तेज गेंदबाज जोफ्रा आर्चर भी पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। यह दोनों खिलाड़ी आगामी वनडे वर्ल्ड कप में इंग्लैंड की ओर से खेलते हुए नजर आ सकते हैं।
TalkSport2 के मुताबिक बांग्लादेश के खिलाफ खेले जा रहे तीसरे टी-20 मुकाबले से पहले मोईन अली ने कहा कि, ‘मैं ज्यादा लक्ष्य को लेकर नहीं बैठता लेकिन मुझे वर्ल्ड कप खेलना है। मुझे वर्ल्ड कप में इंग्लैंड टीम का एक भाग रहना है और यही दुआ करता हूं कि इस बार कि यह ट्रॉफी हम लोग जीते।’
इंग्लिश ऑलराउंडर ने आगे कहा कि, ‘मैं यह नहीं कह रहा कि मैं संन्यास लूंगा और मैं यह भी नहीं कह रहा कि मैं संन्यास नहीं लूंगा। 35 साल की उम्र में अगले 7 से 8 महीने बहुत हैं। यह वो समय है जब मुझे लग रहा है कि अब मैंने बहुत मेहनत कर ली है और मेरी जगह लियाम लिविंगस्टोन या विल जैक्स ले सकते हैं। आपको बता दूं मेरा समय पूरा हो चुका है और इन खिलाड़ियों को अगले वर्ल्ड कप के लिए भी तैयार करना बेहद जरूरी है।’
संन्यास को लेकर मोईन अली ने कही यह बात
मोईन अली ने इस बात की पुष्टि की है कि अगर वो वनडे प्रारूप से संन्यास लेते भी हैं तो भी वो फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलते हुए नजर आएंगे। उनके मुताबिक जब उम्र बढ़ने लगती है तब वनडे क्रिकेट खेलना और भी मुश्किल होता रहता है।
इंग्लिश ऑलराउंडर में आगे कहा कि, ‘मेरे हिसाब से यह ज्यादा जरूरी बात है। अगर मैं अच्छा खेल रहा हूं और सभी फ्रेंचाइजी क्रिकेट भी खेल रहा हूं तो मेरे लिए इससे अच्छी बात और कुछ भी नहीं हो सकती। इंग्लैंड के लिए मैं आगे भी खेलता रहूंगा। जब आपकी उम्र बढ़ने लगती है तब वनडे क्रिकेट में भाग लेना और भी मुश्किल हो जाता है। मैदान पर लगातार भागना इतना आसान नहीं है और इसी वजह से मैंने यह फैसला लिया।’