डेजर्ट स्टॉर्म के दौरान उनके मन में पक रहे खयाली पुलाव का सचिन तेंदुलकर ने किया खुलासा - क्रिकट्रैकर हिंदी

डेजर्ट स्टॉर्म के दौरान उनके मन में पक रहे खयाली पुलाव का सचिन तेंदुलकर ने किया खुलासा

शारजाह में आए रेतीले तूफान ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए मुकाबले को 25 मिनट के लिए बाधित कर दिया था।

Sachin Tendulkar and Adam Gilchrist (Image Source: Getty Images)
Sachin Tendulkar and Adam Gilchrist (Image Source: Getty Images)

भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने साल 1998 में शारजाह में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अब तक की सबसे बेहतरीन वनडे पारियों में से एक खेली थी, जिसे क्रिकेट जगत में ‘डेजर्ट स्टॉर्म’ के नाम से भी जाना जाता है। इस नाम के पीछे की वजह तो सभी क्रिकेट प्रेमियों को पता ही हैं। फिर भी आपको बता दें मास्टर ब्लास्टर ने शारजाह में उस दिन आए रेगिस्तान के भयानक तूफान के बावजूद ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज गेंदबाजों के परचख्खे उड़ाते हुए 143 रनों की पारी खेली थी, इसलिए इसे डेजर्ट स्टॉर्म के रूप में भी जाना जाता है।

इस प्रसिद्ध मैच के दौरान शारजाह में आए एक रेतीले तूफान ने भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे मुकाबले को 25 मिनट के लिए बाधित कर दिया था। हालांकि ये तूफान सचिन तेंदुलकर की तूफानी पारी को रोक नहीं पाया, लेकिन महान बल्लेबाज को डरा जरूर दिया था।

सचिन तेंदुलकर ने डेजर्ट स्टॉर्म से जुड़ा डरावना वाकया सुनाया

मास्टर ब्लास्टर तूफान में उड़ जाने के डर से इस हद तक डर गए थे कि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर-बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट को जकड़ लेने का फैसला कर लिया था, जिसका खुलासा  उन्होंने हाल ही में किया है।

सचिन तेंदुलकर ने स्टार स्पोर्ट्स के शो ‘क्रिकेट कनेक्टेड’ पर कहा: “यह मेरा अब तक का पहला अनुभव था। मैंने ऐसा रेगिस्तानी तूफान कभी नहीं देखा था। जब मैंने उस भयानक तूफान को देखा, तो मेरे मन में पहला विचार यह आया कि मैं इससे उड़ जाऊंगा। एडम गिलक्रिस्ट मेरे ठीक पीछे खड़े थे। तूफान इतना तेज था कि मैंने सारी सोशल डिस्टेंसिंग को भूल जाने का फैसला किया और उसे जोर से पकड़ने के लिए तैयार था, क्योंकि अगर तूफान मुझे उड़ा भी देता तो कम से कम 80-90 किलो का एडम गिलक्रिस्ट मेरे साथ होता। इसलिए मैं सचमुच ऐसा सोच ही  रहा था कि  इतने में ही अंपायरों ने मैदान छोड़ने का फैसला किया।”

मैच के फिर से शुरू होने के बाद, भारत के लिए 46 ओवरों में 276 का संशोधित लक्ष्य निर्धारित किया गया था। मोहम्मद अजहरुद्दीन की कप्तानी में भारत यह वनडे मैच ऑस्ट्रेलिया से 26 रनों से हार गया और इससे सचिन तेंदुलकर बिल्कुल खुश नहीं थे, क्योंकि उनके हिसाब से प्रारंभिक लक्ष्य से पर्याप्त कटौती नहीं की गई थी।

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