रवि शास्त्री के निशाने पर आए आलोचक कहा, भारतीय एक हार को नहीं पचा पा रहे हैं
भारतीय टीम ने पिछले पांच वर्षों में कई मैच जीते हैं लेकिन फैंस एक हार को हजम नहीं कर रह पा रहे हैं: शास्त्री
अद्यतन - नवम्बर 12, 2021 5:23 अपराह्न
भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने अपने कार्यकाल के दौरान हुई उनकी और टीम की आलोचना पर खुलकर बात की। मुख्य कोच के रूप में शास्त्री का कार्यकाल टी-20 वर्ल्ड कप तक ही था, जहां उनकी टीम सुपर-12 से आगे नहीं बढ़ सकी। उन्होंने अब आलोचकों को यह कहते हुए फटकार लगाई कि पिछले सात वर्षों में इतनी जीत मिलने के बावजूद टीम को कई बार कठोर आलोचना का सामना करना पड़ा।
रवि शास्त्री को 2017 में भारत के मुख्य कोच के रूप में नियुक्त किया गया था और उनका अनुबंध 2019 वर्ल्ड कप के बाद फिर से टी-20 वर्ल्ड कप तक बढ़ा दिया गया था। उनके साथ-साथ गेंदबाजी कोच भरत अरुण और फील्डिंग कोच आर श्रीधर का भी कार्यकाल समाप्त हो गया।
रिपब्लिक वर्ल्ड से बातचीत के दौरान रवि शास्त्री ने कहा कि अब उनके लिए जज बनने का समय आ गया है, जब लोगों ने उन्हें उनके जीवन को सात वर्षों तक जज किया था। उन्होंने कहा, “मुझे मेरे जीवन के 7 वर्षों के लिए आंका गया था जो सार्वजनिक जांच के अधीन था। मेरे लिए जज की कुर्सी पर बैठने और इनमें से कुछ लोगों को जज करने का समय आ गया है।”
भारत में क्रिकेट एक धर्म है: रवि शास्त्री
रवि शास्त्री का मानना है कि जब टीम हारती है तो आलोचना होना तय है। हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि इतनी छानबीन कभी-कभी टीम पर बहुत कठोर हो सकती है और उनके पास आगे बढ़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता है। उन्होंने आगे कहा कि, “भारत में, क्रिकेट एक धर्म है। आप 5 मैच जीतते हैं और फिर जब आप हारते हैं, तो लोग पिस्टल और पेन निकलते हैं और यह कभी-कभी बेहद घातक साबित हो सकता है।
हमने बहुत कुछ जीता, लोगों को हमारे हारने की आदत नहीं थी। इन सभी चीजों को झेलना कोच का काम है, आप इन सभी बाधाओं को पार करते हैं, आप टीम को नीचे नहीं आने देते हैं,आपको ये सुनिश्चित करना होगा कि टीम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करे। आलोचना को रास्ते में छोड़ दें और आगे बढ़ें।”