IPS संपत कुमार से पंगा लेने के लिए एमएस धोनी ने किया मद्रास उच्च न्यायालय का रुख - क्रिकट्रैकर हिंदी

IPS संपत कुमार से पंगा लेने के लिए एमएस धोनी ने किया मद्रास उच्च न्यायालय का रुख

जी संपत कुमार ने आईपीएल 2013 में स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी कांड की जांच की थी।

MS Dhoni (Image Source: Twitter)
MS Dhoni (Image Source: Twitter)

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने मैच फिक्सिंग से जुड़े मामले में उनके, उच्चतम न्यायालय और कुछ वरिष्ठ वकीलों के खिलाफ विवादित बयानबाजी के लिए आईपीएस अधिकारी जी संपत कुमार के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है।

दरअसल, जी संपत कुमार ने बतौर पुलिस महानिरीक्षक साल 2013 में इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी कांड की जांच की थी। अब उन्होंने हाल ही में कथित तौर पर आरोप लगाया है कि एमएस धोनी आईपीएल 2013 के मैचों में सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग कांड में शामिल थे।

इस बयानबाजी के बाद एमएस धोनी ने आईपीएस अधिकारी के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने और समन जारी करने के लिए मद्रास उच्च न्यायालय का रुख किया है। हालांकि, समय की कमी के कारण 4 नवंबर को मैच फिक्सिंग से जुड़े इस मामले पर कोई सुनवाई नहीं की गई, लेकिन 8 नवंबर को सुनवाई की जा सकती है।

एमएस धोनी संपत कुमार को उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाने के लिए दंडित करना चाहते हैं

आपको बता दें, धोनी ने साल 2014 में संपत कुमार को उन्हें स्पॉट फिक्सिंग या मैच फिक्सिंग से जोड़ने के लिए कोई भी बयान देने से रोकने के लिए एक दीवानी मुकदमा दायर किया था। पूर्व भारतीय कप्तान द्वारा दायर दीवानी मुकदमे में उनके खिलाफ मैच फिक्सिंग के आरोप लगाने के लिए जी मीडिया कॉरपोरेशन और संपत कुमार से 100 करोड़ रुपए हर्जाना मांगा गया था।

जिसके बाद मद्रास उच्च न्यायालय ने 18 मार्च 2014 को एक अंतरिम आदेश में कुमार पर धोनी के खिलाफ कोई भी टिप्पणी करने पर रोक लगा दी थी। आदेश के बावजूद, संपत कुमार ने कथित तौर पर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक हलफनामा दायर किया, जिसमें न्यायपालिका और राज्य का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की गई थी।

जिसके बाद अब एमएस धोनी ने अवमानना याचिका दायर करने के लिए तमिलनाडु के महाधिवक्ता आर. षणमुगसुंदरम से सहमति प्राप्त कर मद्रास उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी है। न्यायमूर्ति पीएन प्रकाश की खंडपीठ को 4 नवंबर को इस मामले से निपटना था, लेकिन अब सुनवाई 8 नवंबर तक टल गई है।

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