भारत को अंडर-19 वर्ल्डकप जिताने वाला कप्तान, आज रणजी टीम में जगह पाने के लिए कर रहा है संघर्ष

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Unmukt Chand. (Photo Source: Twitter)

13 जनवरी से न्यूजीलैंड में अंडर-19 विश्वकप का प्रारंभ होने जा रहा है। युवा कप्तान पृथ्वी शॉ के नेतृत्व में भारत की अंडर-19 टीम इस विश्वकप को जीतने की प्रबल दावेदार मानी जा रही है। आपको बता दें कि भारत इसके पहले साल 2000, 2008 और 2012 में अंडर-19 विश्वकप जीत चुका है।

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वर्ष 2008 में भारत ने जब दूसरी बार अंडर-19 विश्वकप जीता तब उस जुनियर टीम के कप्तान विराट कोहली थे। इसके बाद तो विराट ने पीछे मुडकर नहीं देखा और आज तो वह टीम इंडिया के कप्तान बन गए है। मगर हम बात कर रहे है 2012 में अंडर-19 विश्वकप जीतने वाली युवा भारतीय टीम के कप्तान उन्मुक्त चंद की जिन्हें एक वक्त पर भविष्य के महान खिलाड़ी के रूप में देखा जा रहा था।

2012 के अंडर-19 विश्वकप फाइनल में खेली थी कप्तानी पारी

आज से पांच साल पहले साल 2012 के अगस्त महीने में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अंडर-19 विश्वकप का फाइनल मुकाबला खेला जा रहा था। भारतीय जुनियर टीम के कप्तान उन्मुक्त चंद के बल्लें से निकली नाबाद शतकीय पारी की बदौलत भारत ने अंडर-19 विश्वकप जीत लिया। उन्मुक्त को बेहतरीन प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया जिसके चलते उन्होंने दुनियाभर में सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था।

कई दिग्गजों ने तो उन्मुक्त को भारतीय टीम का भविष्य बता दिया था। उम्मीद जताई जा रही थी कि यह उभरता हुआ सितारा जल्द ही टीम इंडिया में अपनी जगह पक्की कर लेगा। लेकिन उनकी किस्मत में तो कुछ और ही लिखा था। पांच साल गुजर जाने के बाद जब उनके करियर को देखें तो पता चलता है कि वह लगातार खराब प्रदर्शन के कारण इस वर्ष दिल्ली की रणजी टीम में से बीच सत्र में ही जगह गंवा बैठे है।

उन्मुक्त के पास आईपीएल का कॉन्ट्रैक्ट भी नहीं है। जिसकी वजह यही है कि काफी अरसे से उनके बल्लें से बडी पारियां देखने को नहीं मिल रही है। 24 वर्षीय उन्मुक्त के पास अब भी वापसी करने का अवसर है और हमें उम्मीद है कि यह प्रतिभाशाली खिलाड़ी जल्द ही अपने खेल में सुधार करेगा।

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