आयरलैंड के दिग्गज क्रिकेटर विलियम पोर्टरफील्ड ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कहा अलविदा

पोर्टरफील्ड ने आयरलैंड के क्रिकेट इतिहास में सबसे अधिक मैचों में अपने देश की कप्तानी की।

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William Porterfield. (Photo Source: Twitter)

आयरलैंड के दिग्गज बल्लेबाज और पूर्व कप्तान विलियम पोर्टरफील्ड ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास की घोषणा की है। उन्होंने 16 जून को एक आधिकारिक बयान के जरिए संन्यास की पुष्टि की। 37-वर्षीय क्रिकेटर आयरलैंड के लिए तीसरे सबसे ज्यादा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (सभी प्रारूपों में 212 मैच) खेलने वाले खिलाड़ी है, जबकि अपने देश के लिए दूसरे सबसे ज्यादा रन (5480 रन) बनाने वाले बल्लेबाज है।

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आपको बता दें, बाएं-हाथ के बल्लेबाज ने अपने करियर में 3 टेस्ट मैचों में 58 रन, 148 वनडे मैचों में 4343 रन और 61 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 1079 रन बनाए। उन्होंने अपने करियर में 11 शतक (सभी वनडे क्रिकेट में) और 23 (20 वनडे क्रिकेट और 3 टी-20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में) अर्धशतक लगाए।

विलियम पोर्टरफील्ड ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कहा अलविदा

पोर्टरफील्ड ने आयरलैंड के क्रिकेट इतिहास में सबसे अधिक मैचों में अपने देश की कप्तानी की। उन्होंने साल 2008 में ट्रेंट जॉन्सटन से आयरलैंड की बागडोर संभालने के बाद से 253 मैचों में अपनी टीम का नेतृत्व किया। उन्होंने 11 साल से अधिक समय तक टीम का नेतृत्व करने के बाद साल 2019 में एंड्रयू बालबर्नी को आयरलैंड क्रिकेट टीम की कमान सौंप दी।

विलियम पोर्टरफील्ड ने क्रिकेट आयरलैंड द्वारा जारी एक बयान में कहा: “मैं बचपन से हमेशा अपने देश के लिए खेलना चाहता था, और 16 सालों तक अपने देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए सम्मान की बात है। हालांकि, मैंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर जाने और सेवानिवृत्त होने का फैसला कर लिया है, लेकिन मैं कहना चाहूंगा की मेरी यात्रा अविश्वसनीय रही, और मैं भाग्यशाली महसूस कर रहा हूं कि साल 2006 से अब तक क्रिकेट खेल पाने में सक्षम रहा।”

उन्होंने आगे कहा: “मैंने अपने करियर के दौरान आयरलैंड का अविश्वसनीय विकास देखा, हमने बिना किसी अनुभव के शौकिया क्रिकेट खेलना शुरू किया और अब हम एक टेस्ट क्रिकेट खेलने वाला देश बन गए हैं। मुझे लगता है मेरी यात्रा के दौरान हमने उम्मीद के मुताबिक एक बुनियादी ढांचा तैयार कर लिया है, जो आयरलैंड में क्रिकेट को फलने-फूलने में मदद करेगा। मैं बस इतना करना चाहता था कि जब भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहूं, तो हमारी टीम एक बेहतर स्थान पर हो ताकि मैं निश्चिंत होकर संन्यास ले सकूं, और मुझे लगता है कि आयरलैंड ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहचान बना ली है, और मैंने ऐसा करने में एक भूमिका निभाई है।”

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