‘क्रिकेट को प्रतिष्ठा पर नहीं खेला जाता है’- वनडे सीरीज में टीम इंडिया के प्रदर्शन पर गौतम गंभीर का बयान

तीन मैचों की वनडे सीरीज को भारत पहले ही 0-2 से हार चुका है।

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Gautam Gambhir (Photo by Qamar Sibtain/The India Today Group via Getty Images)

टीम इंडिया 0-2 से सीरीज हारने के बाद रविवार 23 जनवरी को केपटाउन के न्यूलैंड्स क्रिकेट स्टेडियम में तीसरे और अंतिम वनडे में दक्षिण अफ्रीका पर जीत के दर्ज करके कुछ सम्मान के साथ दौरे से वापस आना चाहेगी। सेंचुरियन में पहला मैच जीतने के बावजूद भारत ने टेस्ट सीरीज़ 2-1 से भी गंवा दी थी। वनडे सीरीज की शुरुआत से पहले भारतीय टीम फेवरेट्स मानी जा रही थी।

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वनडे सीरीज में टीम इंडिया के प्रदर्शन को देखने के बाद पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर ने टीम की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इस द्विपक्षीय सीरीज में अपनी हार के लिए टीम की रणनीति की आलोचना की है। गंभीर ने ‘प्रतिष्ठा’ पर खेलने के लिए टीम को आड़े हाथों लिया।

खिलाड़ियों के छोटे-छोटे योगदान की भी सराहना की जानी चाहिए- गौतम गंभीर

स्टार स्पोर्ट्स के शो पर बातचीत के दौरान गौतम गंभीर ने कहा कि, “खोने का डर। आप प्रतिष्ठा पर नहीं खेलते हैं। क्रिकेट प्रतिष्ठा पर नहीं खेला जाता है। इसे बीच मैदान में खेला जाता है। कई लोगों का कहना है कि भारत का टॉप-4 या टॉप-5 बेहद विस्फोटक और काफी अनुभवी है। लेकिन जिस तरह से आप बीच में खेलते हैं, वह आपके मैच के परिणाम को निर्धारित करता है।”

क्रिकेटर से कमेंटेटर बने गंभीर ने कहा कि, “हमें हारने के डर और खुद के प्रदर्शन के डर से परे देखने की जरूरत है, कि ‘मुझे आउट नहीं होना चाहिए, मुझे रन बनाना चाहिए’। हमें न केवल टीम प्रबंधन से बल्कि सभी दृष्टिकोणों से भी छोटे योगदानों को महत्व देना चाहिए। जब तक आप उन्हें महत्व नहीं देंगे, आप केवल आंकड़ों से संचालित और संख्या संचालित रहेंगे। और इससे आप सीरीज और आईसीसी टूर्नामेंट नहीं जीत सकते है। हर चीज का संयोजन ही आपको बड़े टूर्नामेंट दिलाएगा।”

बता दें कि इससे पहले गंभीर ने आखिरी वनडे में प्लेइंग XI में तीन बदलाव करने का सुझाव दिया था। गंभीर ने कहा​ कि दक्षिण अफ्रीका पहले ही सीरीज जीत चुकी है और केपटाउन में खेला जाने वाला आखिरी मुकाबला से परिणाम पर कोई असर नहीं पड़ेगा। ऐसे में टीम मैनेजमेंट को बेंच पर बैठे खिलाड़ियों को मौका देना चाहिए।

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