IND vs ENG: रांची टेस्ट से पहले दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान ने इंग्लैंड टीम को दिया बड़ा गुरुमंत्र

अभी तक दोनों टीमों के बीच तीन टेस्ट खेले जा चुके हैं जिसमें भारत 2-1 से आगे है।

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Graeme Smith. (Photo Source: Getty Images)

इस समय भारत और इंग्लैंड के बीच पांच मैच की टेस्ट सीरीज खेली जा रही है। अभी तक दोनों टीमों के बीच तीन टेस्ट खेले जा चुके हैं जिसमें भारत 2-1 से आगे है। इंग्लैंड ने हैदराबाद में खेले गए पहले टेस्ट को 28 रनों से अपने नाम किया था। हालांकि विशाखापट्टनम और राजकोट में खेले गए दूसरे और तीसरे टेस्ट में टीम को हार का सामना करना पड़ा।

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राजकोट में खेले गए तीसरे टेस्ट में भारत ने इंग्लैंड को 434 रनों से हराया। इंग्लैंड तीसरे टेस्ट की चौथी पारी में सिर्फ 122 रन ही बना पाई। इंग्लैंड के लिए रांची में खेले जाने वाले चौथे टेस्ट को जीतना बेहद जरूरी है। चौथे टेस्ट की शुरुआत 23 फरवरी से हो रही है। इस मैच से पहले दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ ने इंग्लैंड टीम को बड़ी सलाह दी है।

इनसाइडर के अपने कॉलम में ग्रीम स्मिथ ने लिखा कि, ‘इंग्लैंड के पास हमेशा ही टैलेंट रहा है लेकिन टीम खेल को सकारात्मक तरीके से नहीं देख रही है। इंग्लैंड यही सोच रहा है कि उन्हें भारत में अपने तरीके से खेलना होगा और विरोधी टीम के ऊपर दबाव डालना होगा जिससे मेजबान ज्यादा सोचे और उन्हें हार झेलनी पड़े।

यह काफी लंबा दौरा है और भारत के खिलाफ उन्हीं के घर में मैच जीतना इतना आसान नहीं होने वाला है। यही नहीं इस गर्मी में लंबे समय तक फील्ड में रहना भी बहुत मुश्किल चीज है। आपको सकारात्मक सोच के साथ अपने गेमप्लान के तहत खेलना बेहद जरूरी होगा। इंग्लैंड ने अभी तक इस सीरीज में काफी अच्छा प्रदर्शन किया है और उन्हें ऐसे ही आगे प्रदर्शन करना होगा। अगर भारत इस सीरीज में ऐसे ही खेलते हैं तो उनके खिलाफ चेज करना बहुत ही मुश्किल होगा।’

अपने घर से बाहर जीतना बहुत ही मुश्किल काम है: ग्रीम स्मिथ

दक्षिण अफ्रीका के पूर्व कप्तान ने आगे कहा कि, ‘अपने घर से बाहर जीतना अच्छी टीम और सर्वश्रेष्ठ टीम में फर्क बताता है। दूसरी टीम के घर में जाकर खेलना और वो भी उन्हीं के दर्शकों के सामने और परिस्थिति में किसी भी टीम के लिए इतना आसान नहीं होता है।

1970 और 80 के दशक की वेस्टइंडीज टीम में हमने यही देखा था कि वो जहां भी जाते थे मैच जीतते थे। यही नहीं 1990 और 2000 के दशक की ऑस्ट्रेलिया टीम ने भी पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ी हुई थी। कुछ ऐसा ही इंग्लैंड को भी करना होगा।’

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