हार्दिक पांड्या ने किया बड़ा खुलासा, कहा एक वक्त उनके पास गेंदबाजी करने के लिए जूते भी नहीं थे

हार्दिक पांड्या जल्द ही IPL फेज-2 में आएंगे नजर।

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Hardik Pandya. (Photo Source: Twitter)

अक्टूबर में होने वाले टी -20 वर्ल्ड कप लिए टीम इंडिया का ऐलान हो चूका है। हार्दिक पांड्या इस वर्ल्ड कप में भारतीय टीम में मुख्य ऑलराउंडर की भूमिका में नजर आएंगे। हार्दिक वर्ल्ड कप की टीम में एकमात्र ऐसे ऑलराउंडर है जो तेज गेंदबाजी भी कर सकते हैं और इसी वजह से वो टीम के सबसे महत्वपूर्ण खिलाड़ियों में से एक हैं। लेकिन, जब यही सवाल हार्दिक पांड्या से पूछा गया कि वो टीम में एक ऑलराउंडर कैसे बने तो उसपर उनका जवाब आया कि यह किस्मत की वजह से हुआ।

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हिन्दुस्तान टाइम्स से बातचीत करने के दौरान हार्दिक पांड्या ने कहा कि “मैं संयोग से ऑलराउंडर बन गया। यह पूरी तरह किस्मत से हुआ। ये बदलाव तब हुआ जब मैं 19 साल का था। जब मैंने भारत के लिए खेलना शुरू किया, उससे पहले मैंने लगभग एक साल ही गेंदबाजी की थी। मैंने गेंदबाजी की शुरुआत अंडर-19 के गेंदबाजों को मदद करने के लिए की थी। मैं एक बल्लेबाज था जो टीम के लिए तीन नंबर पर बल्लेबाजी करता था। मुझे गेंदबाजी करने के लिए उनसे जूते मांगने पड़ते थे क्योंकि मेरे पास तेज गेंदबाजों वाले जूते नहीं थे।”

कैसे बने हार्दिक सबसे बड़े ऑलराउंडर

अंडर-19 के अभ्यास मैच के दौरान हार्दिक पांड्या किरण मोरे एकेडमी के लिए खेल रहे थे। पिच पर थोड़ी घास थी जिससे तेज गेंदबाजों को मदद मिल रही थी। उस समय उनकी टीम में कोई ऐसा गेंदबाज नहीं था जो पिच का फायदा उठाकर बल्लेबाजों को परेशान कर सके। उसी समय पांड्या ने उस मौके का फायदा उठाते हुए गेंदबाजी की और पांच विकेट लेने में सफल रहे।

हार्दिक ने इसको लेकर अपनी यादें ताजा करते हुए किस्सा साझा किया और कहा कि, “शरथ कुमार सर हमारा अंडर-19 का अभ्यास मैच देख रहे थे। उसके अगले दिन वो हमारा लोकल मैच देखने के लिए आए थे। पिच पर पूरी हरी घास थी और हमारी टीम में कोई भी तेज गेंदबाज मौजूद नहीं था। मैंने किसी और के जूते पहनकर गेंदबाजी की और पांच विकेट लिया। इसलिए मैं कहता हूं कि ये मुझे ये संयोग से मिला।”

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