क्रिकेट की तपस्या के लिए कुमार कार्तिकेय ने घर को ही छोड़ दिया

अपने पहले ही मैच में कुमार कार्तिकेय ने की शानदार गेंदबाजी।

Advertisement

Kumar Kartikeya (Photo Source: Twitter)

पांच बार की चैंपियन मुंबई इंडियंस (MI) ने 30 अप्रैल (शनिवार) को खेले गए अपने पिछले मैच में राजस्थान रॉयल्स (RR) को हराकर इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) 2022 के 15वें संस्करण में अपनी पहली जीत दर्ज की। बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया। हालांकि, इस मैच में MI के नए खिलाड़ी कुमार कार्तिकेय ने अपने असाधारण गेंदबाजी कौशल से सभी को प्रभावित किया।

Advertisement
Advertisement

24 वर्षीय ने कार्तिकेय ने अपने कोटे के चार ओवर में 19 रन देकर तीन एक विकेट लिया। कार्तिकेय ने इस मैच में राजस्थान रॉयल्स के कप्तान संजू सैमसन को चलता किया, जिन्होंने सात गेंदों में दो छक्कों की मदद से 16 रन बनाए थे। आपको बता दें कि मुंबई इंडियंस ने हाल ही में चोटिल अरशद खान के रिप्लेसमेंट के रूप में बाएं हाथ के स्पिनर को साइन किया था।

उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर के रहने वाले 24 वर्षीय ने पिछले मैच में पारी के ब्रेक के दौरान खुद को एक “मिस्ट्री” गेंदबाज के रूप में पहचाना। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि आईपीएल में पदार्पण करने से पहले वह थोड़े नर्वस थे। लेकिन अभी भी सभी के मन में ये सवाल है कि कौन है ये कुमार कार्तिकेय जिसे मुंबई इंडियंस ने मेगा ऑक्शन में नहीं खरीदा लेकिन बाद में अपनी टीम में शामिल किया।

बेहद प्ररेणात्मक है कुमार कार्तिकेय की क्रिकेट जर्नी

24 साल के कार्तिकेय का जन्‍म उत्‍तर प्रदेश के सुल्‍तानपुर में हुआ। हालांकि वो मध्‍यप्रदेश की टीम में सभी फॉर्मेट में खेलते हैं। बता दें कि, कार्तिकेय के पिता श्याम नाथ सिंह झांसी पुलिस लाइन में सिपाही के पद पर तैनात हैं। श्याम नाथ सिंह मूल रूप से सुल्तानपुर गांव के कुवांसी के रहने वाले हैं।

वर्तमान में श्यामनाथ सिंह का परिवार कानपुर में रहता है। कुमार कार्तिकेय को बचपन से ही क्रिकेट खेलने में रुचि थी। उनका सपना था कि क्रिकेट जगत में वह एक दिन अपना और अपने परिवार का नाम रोशन करें। क्रिकेट की दुनिया में नाम कमाने के लिए उन्होंने लगातार कड़ी मेहनत की और अब जाकर उन्हें उस कड़ी परिश्रम का फल मिला।

नौ साल से अपने घर नहीं लौटे हैं कार्तिकेय

जब कार्तिकेय अपने घर से क्रिकेटर बनने निकले थे तो उन्होंने कसम खाई थी कि, वह तबतक वापस नहीं लौटेंगे जबतक कुछ हासिल न कर लें। उनके क्रिकेट करियर की शुरुआत उत्तर प्रदेश हुई। सफलता न मिलने पर उन्होंने दिल्ली का रुख किया और वहां भी जब उन्हें कुछ अधिक मौके नहीं मिले तो फिर वह मध्य प्रदेश पहुंचे और वहीं से उन्हें धीरे-धीरे पहचान मिली।

Advertisement