बेन स्टोक्स के अंपायर काॅल खत्म कर दो वाले बयान पर हाॅकआई के फाउंडर Paul Hawkins ने दिया बड़ा बयान

इस समय क्रिकेट जगत में हाॅकआई को लेकर काफी ज्यादा चर्चा देखने को मिल रही है।

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Paul Hawkins (Image Credit- Twitter)

क्रिकेट जगत में इन दिनों अंपायर्स काॅल को लेकर लगातार चर्चा हो रही है। तो वहीं भारत और इंग्लैंड के बीच जारी टेस्ट सीरीज में जिस तरह से जैक क्राॅली और जो रूट अंपायर्स काॅल पर आउट हुए, उसके बाद इस मसले को और हवा मिली।

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दूसरी ओर, इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान बेन स्टोक्स ने तो यहां तक कहा दिया था कि डिसीजन रिव्यू सिस्टम (DRS) से अंपायर्स काॅल को हटा देना चाहिए। हालांकि, अब अंपायर्स काॅल में इम्पैक्ट को निर्धारित करने वाली तकनीक हाॅकआई के संस्थापक पाॅल हाॅकिंंस ने इस मसले पर अपनी राय रखी है।

पाॅल हाॅकिंस ने दिया बड़ा बयान

बता दें कि डीआरएस में इस्तेमाल होने वाले तकनीक को लेकर हाॅकिंस ने The Analyst Show पर कहा- जब आईसीसी डीआरएस लाने पर विचार कर रही थी तो उस समय अंपायर्स काॅल लाने का विचार डेविड रिचर्डसन का था, क्योंकि वे ही उस समय प्रभारी थे। इसलिए इंटरनेशनल क्रिकेट में अंपायर्स काॅल को इस तरह तैयार किया जाता है कि अंपायर्स का इंटरनेशनल मूल्याकन हो सके।

लेकिन अगर खिलाड़ी LBW गलत तरीके से आउट होते हैं तो उन्हें उस तकनीक में होने वाली गलती का मार्जिन मिला है। हालांकि, यह अंपायर पर निर्भर है कि उसने यह (इम्पैक्ट) चिन्हित किया है या नहीं। शुरू में यह एक पाॅइंट था, जिसकी वजह से इसे अंपायर को आसानी से बेचा जा सकता था।

सच में हाॅकआई अंपायर काॅल से कहीं ज्यादा सटीक हैं, लेकिन जब आप शून्य से किसी तकनीक का इस्तेमाल करते हैं तो अंपायर्स काॅल का महत्व है। क्रिकेट को छोड़कर बाकी खेलों में यह निश्चित होगा कि वह आउट होगा या नाॅट आउट।

पाॅल हाॅकिंस द्वारा दिए इस बयान से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि हाॅकआई तकनीक में कोई समस्या नहीं है, लेकिन अगर अंपायर्स काॅल को महत्व देना है तो मार्जिन ऑफ एरर हमेशा देखने को मिलेगा।

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