जॉय भट्टाचार्य ने मुकेश कुमार को लेकर वकार यूनिस से जुड़ी दिलचस्प कहानी का किया खुलासा - क्रिकट्रैकर हिंदी

जॉय भट्टाचार्य ने मुकेश कुमार को लेकर वकार यूनिस से जुड़ी दिलचस्प कहानी का किया खुलासा

CAB ने रहने से लेकर डाइट तक मुकेश कुमार की मदद की थी।

Mukesh Kumar and Waqar Younis (Image Source: Twitter)
Mukesh Kumar and Waqar Younis (Image Source: Twitter)

आईपीएल फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स के पूर्व टीम निदेशक जॉय भट्टाचार्य ने मुकेश कुमार को लेकर एक दिलचप्स कहानी का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि वह  ‘विजन 2020’ अभियान में ट्रायल के पहले दिन ही तेज गेंदबाज से काफी प्रभावित हो गए थे, जिसके बाद वह पाकिस्तानी दिग्गज वकार यूनिस पर भी अपनी छाप छोड़ने में कामयाब हुए थे, जिन्होंने ट्रायल के दूसरे दिन शितरकत की थी।

जॉय भट्टाचार्य ने क्रिकबज के हवाले से कहा: “मुकेश कुमार एक अद्भुत खिलाड़ी हैं और उनकी कहानी भी उतनी ही आकर्षक है। वह गोपालगंज का रहने वाला है। उनके पिता चाहते थे कि वह केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में शामिल हों। उन्होंने अपने पिता का सपना पूरा करने की तीन बार कोशिश की और लेकिन वह क्वालीफाई नहीं कर पाए। लेकिन सबसे अच्छी कहानी तब की है जब मैं कैब का निदेशक था।

वकार यूनिस ने बहुत पहले ही भांप ली थी मुकेश कुमार की काबिलियत: जॉय भट्टाचार्य

उस समय वकार यूनिस खिलाड़ियों को देखने के लिए कोलकाता आने वाले थे और कुछ प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की पहचान के लिए प्री-ट्रायल आयोजित किया गया था। जहां वकार ने अपने आकलन के बाद कहा था, ‘मुकेश अकेला लड़का है, जो सबसे अच्छा खेल रहा है।’”

उन्होंने आगे खुलासा किया बंगाल टीम में शामिल होने से पहले तेज गेंदबाज का शरीर इतना कमजोर था कि वह 10 किलो का वजन भी नहीं उठा पाता था, उसके पास रहने के लिए भी जगह नहीं थी और फिर CAB ने युवा तेज गेंदबाज की मदद की,और आज वह टीम इंडिया (दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज) में चयनित हो गया है।

जॉय भट्टाचार्य ने अंत में बताया: “जिसके बाद मुकेश को बंगाल टीम जगह मिली, लेकिन उसके पास रहने के लिए जगह नहीं थी और फिर CAB ने उसे ईडन गार्डन में रखा। कमलेश जैन, जो संयोग से उस समय CAB के फिजियो थे और अब भारतीय क्रिकेट टीम के हैं, ने कहा कि वह इतने कमजोर थे कि वह 10 किलो का वजन भी नहीं उठा सकते थे। इसलिए उन्होंने उसे डाइट पर रखा और एक साल बाद उसने बंगाल को रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचाया। इसलिए एक खिलाड़ी को न केवल किस्मत की जरूरत होती है, बल्कि एक खिलाड़ी को खिलाड़ी बनाने के लिए मददगार लोगों की भी जरूरत होती है।”

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