'मैं दो या तीन हफ्ते पहले ही टीम में वापस आ सकता था लेकिन...'- वापसी को लेकर बोले दीपक चाहर - क्रिकट्रैकर हिंदी

‘मैं दो या तीन हफ्ते पहले ही टीम में वापस आ सकता था लेकिन…’- वापसी को लेकर बोले दीपक चाहर

चोटिल होने की वजह से पिछले काफी समय से टीम से बाहर चल रहे हैं दीपक चाहर।

Deepak Chahar. (Photo source: Twitter/BCCI)
Deepak Chahar. (Photo source: Twitter/BCCI)

भारतीय तेज गेंदबाज दीपक चाहर ने टीम में अपनी वापसी को लेकर बताया है कि वह वेस्टइंडीज के खिलाफ मौजूदा टी-20 सीरीज में चोट से वापसी कर सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया क्योंकि वो किसी तरह का जोखिम नहीं उठाना चाहते थे और पूरी तरह से फिट होने के बाद ही वापसी करना चाहते थे।

दीपक चाहर इस साल की शुरुआत में फरवरी में हैमस्ट्रिंग की चोट के बाद से टीम से बाहर चल रहे हैं। दाएं हाथ के तेज गेंदबाज को इस साल के आईपीएल में वापसी करनी थी, लेकिन पीठ की चोट के कारण वो पूरे टूर्नामेंट से बाहर हो गए और उन्हें वापसी करने के लिए और लंबा इंतजार करना पड़ा।

29 वर्षीय चाहर, जिम्बाब्वे के खिलाफ 18 अगस्त से शुरू होने वाली एकदिवसीय सीरीज में वापसी करेंगे। टीम में अपने चयन के बाद, चाहर ने खुलासा किया कि वह विंडीज के खिलाफ चल रही सीरीज में अपनी वापसी कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। दीपक चाहर चाहते थे कि वो पूरी तरह से फिट होने के बाद ही मैदान पर वापसी करें।

न्यूज 24 के हवाले से दीपक चाहर ने कहा कि, “अगर मैं चाहता तो दो या तीन हफ्ते पहले ही वापसी कर सकता था। मैं वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली जा रही टी-20 सीरीज में खेल सकता था लेकिन मेरी सोच ऐसी है कि जब कभी भी आप मैदान पर खेलने उतरें तो 110 प्रतिशत अपना दे सके, 99 प्रतिशत भी नहीं। मुझे ऐसा लगता है कि चोटिल होने से पहले जिस तरह का खेल मैं दिखा रहा था उससे कहीं ज्यादा अच्छा खेल दिखाना चाहिए।”

मैंने अपने बेसिक्स पर काम किया- दीपक चाहर

दीपक चाहर आखिरी बार फरवरी में भारत में वेस्टइंडीज के खिलाफ T20I सीरीज में भारत के लिए खेला था और चोटिल होने से पहले वो अच्छी लय में भी नजर आ रहे थे। दीपक ने बताया कि रिकवरी के दौरान उन्होंने हमेशा अपने बेसिक्स पर काम किया और कमजोरियों को दूर करके अपने खेल को बेहतर बनाने की कोशिश की।

दीपक ने कहा कि, “मैं इससे पहले भी कई बार चोटिल हो चुका हूं लेकिन मैं मानता हूं कि जब कभी भी आप चोटिल होते हैं तो यह आपको वक्त देता है कि अपने बेसिक पर दोबारा से काम करें। अगर जो आपके अंदर कोई कमजोरी है, तो यह आपको इस पर काम करने का वक्त देता है। मैं जब कभी भी चोटिल हुआ हूं तो अपने खेल पर काम किया है।”

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