कोच के पद से हटते ही बदले रवि शास्त्री के सुर, जमकर की रोहित की बल्लेबाजी की तारीफ

रोहित शर्मा ने 2021 में टेस्ट क्रिकेट में 906 रन बनाए हैं।

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Rohit Sharma and Ravi Shastri. (Photo Source: Twitter)

पिछले कुछ वर्षों में, रोहित शर्मा खेल के सभी प्रारूपों में भारत के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक बनकर सामने आए हैं। टेस्ट क्रिकेट में अपने शुरुआती संघर्षों के बावजूद, उन्होंने अब खुद को टेस्ट टीम में भी स्थापित कर लिया है। और उनको देखकर इस वक्त यह कहना गलत नहीं होगा कि वह वर्तमान में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों में से एक है।

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जब से उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में ओपनिंग शुरू की है, तब से इस फॉर्मेट में भी उनका बल्ला जमकर बोल रहा है। यह सब 2019 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ घरेलू सीरीज के दौरान शुरू हुआ, जहां “हिटमैन” को टेस्ट क्रिकेट में पारी की शुरुआत करने के लिए कहा गया था। उसी के बारे में बोलते हुए, पूर्व भारतीय हेड कोच रवि शास्त्री ने बताया कि कैसे उन्होंने शर्मा को एक सलामी बल्लेबाज के रूप में स्थापित करने का लक्ष्य बनाया था।

रोहित को बतौर ओपनर टेस्ट में सफल बनाना चाहता था: शास्त्री

इसी मुद्दे को लेकर स्टार स्पोर्ट्स के शो बोल्ड एंड ब्रेव में शास्त्री ने कहा कि, “मेरे दिमाग में बहुत स्पष्ट था कि मैं रोहित को टेस्ट ओपनर के रूप में स्थापित करना चाहता था। मैंने सोचा कि अगर मैं एक बल्लेबाज के रूप में उनसे सर्वश्रेष्ठ नहीं निकाल सकता, तो एक कोच के रूप में असफल हूं। क्योंकि रोहित में एक बल्लेबाज के तौर पर काफी प्रतिभा थी।”

इस बीच, पूर्व भारतीय ऑलराउंडर ने लाल गेंद और सफेद गेंद के संबंध में भारतीय क्रिकेट में विभाजित कप्तानी के बारे में भी बात की। उन्होंने महसूस किया कि यह विराट कोहली के लिए एक वरदान था, क्योंकि बबल जीवन के कारण तीनों प्रारूपों को संभालना आसान नहीं था। इस प्रकार, उन्होंने सफेद और लाल गेंद प्रारूपों में कप्तानी के विभाजन का समर्थन किया।

शास्त्री ने आगे कहा कि, “मुझे लगता है कि यह जाने का सही तरीका है। यह विराट और रोहित के लिए वरदान हो सकता है क्योंकि मुझे लगता कि इस कोरोना के समय किसी एक इंसान के लिए तीनों फॉर्मेट की कप्तानी करना आसान नहीं है।”

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