इयान चैपल ने टेस्ट क्रिकेट को लेकर दिया बड़ा बयान कहा- यह बस आठ देशों के बीच सिमट कर रह गया है - क्रिकट्रैकर हिंदी

इयान चैपल ने टेस्ट क्रिकेट को लेकर दिया बड़ा बयान कहा- यह बस आठ देशों के बीच सिमट कर रह गया है

आयरलैंड और अफगानिस्तान को टेस्ट क्रिकेट खेलने का दर्जा साल 2017 में मिला था।

Ian Chappell
Ian Chappell. (Photo by Ryan Pierse/Getty Images)

ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम इस समय दो मैचों की टेस्ट सीरीज वेस्टइंडीज के साथ खेल रही है। वहीं दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी और टीम के पूर्व कप्तान इयान चैपल ने टेस्ट क्रिकेट को लेकर बड़ा बयान दिया है।

इयान चैपल ने कहा है कि टी-20 क्रिकेट की अधिकता वाले जमाने में क्रिकेट का सबसे पुराना फाॅर्मेट बस आठ देशों के पास सिमट कर रहा गया है। साथ ही चैपल ने जो बयान दिया है और उस पर ध्यान दिया जाए तो अफगानिस्तान और आयरलैंड अपने टेस्ट क्रिकेट खेलने के अधिकार को खो सकते हैं।

इयान चैपल का बड़ा बयान

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट के प्रसार के लिए एक फर्स्ट क्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता होती है। वहीं इस तरह के इन्फ्रास्ट्रक्चर को कुछ देश निश्चित तौर पर उपलब्ध नहीं करवा सकते हैं। साथ ही इस पूर्व दिग्गज खिलाड़ी का मानना है कि बढ़ती फ्रेंचाइजी क्रिकेट की वजह से रेड बाॅल क्रिकेट का प्रचार-प्रसार नहीं हो पा रहा है। क्योंकि आयोजक देशों को लगता है कि इससे वित्तीय फायदा हो सकता है।

ईएसपीएन क्रिकइंफो पर एक काॅलम लिखते हुए इयान चैपल ने कहा कि, टेस्ट क्रिकेट मुश्किल है लेकिन बेहतरीन खेल है और खिलाड़ी इस फाॅर्मेट में भाग लेने के अवसर के हकदार हैं। यदि ये उनकी पसंद है तो। हालांकि टेस्ट क्रिकेट अब अपनी संस्कृति से परे हो रहा है और इसमें शामिल देशों के पास एक मजबूत फर्स्ट क्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता है।

चैपल ने आगे कहा, कई टीमों के पास इस तरह के इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए संसाधन नहीं है। इस फाॅर्मेट में रिटर्न मिलने की बजाय पैस खर्च होता है। वहीं दूसरी तरफ टी-20 लीग्स हैं जो एक बेहतर रिटर्न देती हैं और आयोजक देश इसे आसानी से स्वीकार कर लेते हैं।

इसके अलावा चैपल ने कहा, नतीजतन अफगानिस्तान और आयरलैंड को टेस्ट क्रिकेट का दर्जा देकर पुरस्कृत करने का कोई मतलब नहीं है। क्योंकि दोनों ही देशों के पास इस खेल को खेलने के लिए पर्याप्त इन्फ्रास्ट्रक्चर नहीं हैं। इसलिए अफसोस की बात है कि टेस्ट क्रिकेट केवल आठ देशों के पास सिमट कर रहा है जिनके पास इसे खेलने का काफी समय से अनुभव हैं।

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