जेफ थॉमसन का मानना, अगर बुमराह ने किसी एक प्रारूप को नहीं चुना तो वो पूरी तरह से खत्म हो जाएंगे
9 फरवरी से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 4 मुकाबलों की टेस्ट सीरीज खेली जानी है।
अद्यतन - फरवरी 3, 2023 7:40 अपराह्न
इस समय भारतीय टीम के तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह अपनी चोट से उभर रहे हैं। बता दें, चोटिल होने की वजह से ना तो जसप्रीत बुमराह एशिया कप 2022 में खेल पाए थे और ना ही टी-20 वर्ल्ड कप 2022 में। इसी वजह से भारत इन दोनों टूर्नामेंटों के फाइनल में अपनी जगह बनाने में नाकाम रहा। टी-20 वर्ल्ड कप 2022 की बात की जाए तो इंग्लैंड ने सेमीफाइनल में भारत को 10 विकेट से मात दी।
बता दें, जसप्रीत बुमराह ने पिछले साल सितंबर के बाद से एक भी अंतरराष्ट्रीय मुकाबला नहीं खेला है। श्रीलंका के खिलाफ जनवरी में खेली जा चुकी सीरीज में बुमराह का नाम टीम में शामिल किया गया लेकिन उन्हें फिर से खेमे से बाहर कर दिया गया।
9 फरवरी से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 4 मुकाबलों की टेस्ट सीरीज खेली जानी है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने शानदार बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के पहले दो टेस्ट मुकाबलों के लिए भारतीय टीम की घोषणा कर दी है। चयनकर्ताओं ने एक बार फिर जसप्रीत बुमराह को भारतीय टीम में जगह नहीं दी।
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज जेफ थॉमसन ने कहा है कि बुमराह को इस बात पर फैसला लेना होगा कि क्या वो अपने बचे हुए करियर में लिमिटेड ओवर्स क्रिकेट खेलेंगे या टेस्ट मुकाबले।
इस समय काफी क्रिकेट खेला जा रहा है: जेफ थॉमसन
जेफ थॉमसन ने रेवस्पोर्ट्स में कहा कि, ‘इस समय पूरी दुनिया में काफी क्रिकेट खेला जा रहा है। हमारे समय में हम लोग इतना क्रिकेट नहीं खेलते थे। हम लोग गर्मियों के सीजन में खेलते थे। सर्दियों में हम ज्यादातर इंग्लैंड जाते थे। यह काफी लंबा दौरा होता था, लगभग साढ़े चार महीनों का। लेकिन ज्यादातर हम गर्मियों में ही खेलते थे ताकि क्रिसमस में हम आराम कर सकें।’
भारतीय तेज गेंदबाज को लेकर उन्होंने कहा कि, ‘बुमराह को यह बात सोचनी पड़ेगी कि उन्हें सबसे छोटे प्रारूप खेलना हैं या टेस्ट मुकाबले खेलने हैं या दोनों। अगर मैं इस समय खेल रहा होता तो मेरे लिए टेस्ट मुकाबले खेलना बहुत ही मुश्किल होता। और वैसे भी जब आपको सबसे छोटे प्रारूप में खेलने के लिए काफी पैसे मिल रहे हैं तो आप टेस्ट फॉर्मेट को क्यों ही खेलना चाहेंगे।
अपने समय में हमें पैसों के लिए ज्यादा सोचना नहीं पड़ता था क्योंकि उस समय उतना पैसा होता ही नहीं था लेकिन अब यह एक बिजनेस बन चुका है। आपको सिर्फ आप खुद ही देख सकते हैं और समझा सकते हैं। वर्कलोड को संभालने के लिए आपको इन दिनों काफी चतुर होना पड़ेगा।’