मयंक यादव कभी नहीं बन पाएंगे सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज, मोर्ने मोर्कल ने भारतीय कोचिंग पर उठाए बड़े सवाल

मयंक यादव के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात अनुभव हासिल करना और जितना संभव हो उतने मैच खेलना है।

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Mayank Yadav & Morne Morkel (Photo Source: X/Twitter)

लखनऊ सुपर जायंट्स के तेज गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्कल ने मयंक यादव को सीनियर भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल किए जाने का समर्थन किया है। दक्षिण अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर मोर्कल का मानना है कि मयंक यादव के पास काफी टैलेंट है, इसलिए उन्हें धीरे-धीरे निखारने के ऊपर ध्यान देना चाहिए। साथ ही यह सुझाव भी दिया की उन्हें भारतीय टीम के खेमे में शामिल करना चाहिए ताकि उनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर की तैयारी हो सके।

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मयंक यादव ने आईपीएल में डेब्यू कर लगातार 2 मैचों में तहलका मचाया है। उनकी चर्चा हर जगह हो रही है। ऐसे में यादव के टैलेंट के बारे में बोलते हुए मोर्कल ने मयंक की तेज गति, लगभग 150 से अधिक की औसत और अपनी आक्रामक गेंदबाजी शैली से बल्लेबाजों को परेशान करने की उनकी क्षमता पर प्रकाश डाला है। उन्होंने आग्रह किया है कि मयंक यादव को व्हाइट बॉल क्रिकेट में मौका देना चाहिए खासकर टी-20 फॉर्मेट में ताकि उन्हें डेब्यू करने का और अपना जलवा दिखाने का प्लेटफॉर्म मिले। इसके साथ ही उनके शरीर पर ज्यादा तनाव न पड़े और वह अपना 100% गेम को दे सके।

मोर्कल ने अपने बयान में कहा,

“किसी तेज गेंदबाज में सबसे पहले मैं उसकी गति देखता हूं। फिर आप मयंक यादव की गेंदबाजी देखिए जो लगातार 150 के आसपास की तेज गति से गेंदबाजी कर रहे हैं। उनकी जो ये ताकत है वो अच्छे -अच्छे बल्लेबाजों को परेशान कर रही है। आपके पास जब ऐसा X फैक्टर है तो फिर आपको किसी चीज के बारे में सोचने की जरूरत नहीं। क्यों न उसे टीम इंडिया के साथ ट्रेनिंग, परिस्थितियों को समझना, टीम के सीनियर खिलाड़ियों के साथ बातचीत करने और समय बिताने का मौका मिलना चाहिए।”

दक्षिण अफ्रीका और भारत की ट्रेनिंग है अलग, जानें क्या है अंतर?

इसके बाद मोर्कल ने दक्षिण अफ्रीकी टीम के साथ अपने अनुभव पर बात की और बताया कि कैसे युवा खिलाड़ियों को शुरुआती दौर में सीनियर खिलाड़ियों के साथ समय बिताने पर करियर में फायदा मिला है। उन्होंने कहा-

“जब मैं दक्षिण अफ्रीका के लिए खेल रहा था तो सबसे बड़ी चीजों में से एक थी युवा खिलाड़ियों का टीम में जल्दी आना, अनुभव हासिल करना, विभिन्न देशों में खेलना, परिस्थितियों को समझना, हाई क्वालिटी ट्रेनिंग करना। आप उसे मौका दीजिए और वो भी टी-20 क्रिकेट में दीजिए ताकि उनके शरीर पर ज्यादा दबाव नहीं पड़े और सब सही रहे।”

“अब मयंक के लिए सबसे महत्वपूर्ण बात अनुभव हासिल करना और जितना संभव हो उतने मैच खेलना है। वह 150 से अधिक की गति से गेंदबाजी कर रहे हैं यह आम बात नहीं है। इसलिए उनके लिए जितना संभव हो चीजें उतना सरल रखना पड़ेगा। वॉर्म-अप मैच में जब उन्होंने तेज गति से गेंद डाली तो पूरी टीम उसे देखकर उत्साहित थी। हमें उसे ढंग से मैनेज करना पड़ेगा, उसके वर्कलोड से लेकर, उसकी रिकवरी, ट्रेनिंग और रूटीन का ध्यान देना होगा।”

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