आईपीएल शुरू होने से पहले शेन वार्न ने दी थी राजस्थान रॉयल्स के मालिक को टीम छोड़ने की धमकी! - क्रिकट्रैकर हिंदी

आईपीएल शुरू होने से पहले शेन वार्न ने दी थी राजस्थान रॉयल्स के मालिक को टीम छोड़ने की धमकी!

इसी साल मार्च में शेन वार्न का हुआ था निधन।

Shane Warne
Shane Warne. (Photo by Daniel Pockett/Getty Images)

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर शेन वार्न का आईपीएल 2022 सीजन के शुरू होने से ठीक पहले मार्च में निधन हो गया और यह पूरे क्रिकेट जगत के लिए एक बड़ा झटका था। शेन वार्न ने साल 2008 में आईपीएल के पहले उद्घाटन संस्करण में राजस्थान रॉयल्स को ट्रॉफी दिलाई थी और इस खास उपलब्धि की वजह से वो आज भी फैंस के दिलों राज कर रहे हैं।

हालांकि, 2008 में खिताब जीतने के बाद से, राजस्थान ने इस सीजन संजू सैमसन की अगुवाई में पहली बार फाइनल में जगह बनाई है। सैमसन ने पहले ही बताया था कि यह आईपीएल सीजन शेन वार्न को समर्पित करने के लिए खेल जा रहा है। इस बीच आपको बता दें कि साल 2008 में एक समय ऐसा भी आया था जहां वार्न ने लगभग राजस्थान रॉयल्स का साथ छोड़ दिया था, इस बात को उन्होंने अपनी आत्मकथा नो स्पिन में साझा किया था।

आईपीएल की शुरुआत से पहले ही शेन वार्न छोड़ने वाले थे राजस्थान रॉयल्स का साथ

यह घटना आईपीएल 2008 से पहले दस दिवसीय कैंप में हुई थी और उस कैंप में रवींद्र जडेजा और स्वप्निल असनोदकर ने सभी को काफी प्रभावित किया था। हालांकि, टीम के मालिक मनोज बडाले 16 सदस्यीय टीम में आसिफ नाम के एक और खिलाड़ी को शामिल करना चाहते थे।

उस कैंप में, आसिफ शेन वार्न को ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाए थे और ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज अपने फैसले पर पूरी तरह से अडिग थे। दरअसल, वार्न ने तो यहां तक ​​कह दिया था कि अगर इस खिलाड़ी को टीम में शामिल किया जाता है तो वह फ्रेंचाइजी को सभी पैसे वापस कर देंगे और टीम का साथ छोड़ देंगे।

वार्न ने अपनी किताब में लिखा कि, “अगर मैं आसिफ को उस ग्रुप में रख दूं, तो सभी को पता चल जाएगा कि वह अच्छा खिलाड़ी नहीं है और वह किसी छिपे हुए पक्षपात के कारण वहां है। तो अगर आप आसिफ को टीम में चाहते हैं, तो ठीक है, लेकिन फिर मैं आपको आपके पैसे वापस कर दूंगा – मैं इसका हिस्सा नहीं बनना चाहता। इसके बाद मनोज बडाले ने मुझसे पूछा ‘क्या आप सीरियस हैं?’। इसपर मैंने कहा हां मैं काफी ज्यादा सीरियस हूं।”

बडाले ने खिलाड़ी को टीम में लाने के लिए वार्न को समझाने की कोशिश की, लेकिन दिग्गज स्पिनर ने उनकी कोई बात नहीं सुनी और उन्हें टीम में शामिल नहीं किया। वार्न का ये फैसला अंत में काफी सही साबित हुआ।

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