सौरव गांगुली को धोनी से क्यों कहना पड़ा कि ये आपका काम है

Advertisement

Sourav Ganguly of India (Photo by Hamish Blair/Getty Images)

सौरव गांगुली वो नाम जिसने भारतीय क्रिकेट को एक नईं दिशा देने का काम किया जिस पर आगे चलकर महेंद्र सिंह धोनी और अब विराट कोहली चल रहे है. अपनी कप्तानी में एग्रेशन के लिए पहचाने जाने वाले सौरव गांगुली ने अपने 16 साल लम्बे क्रिकेट करियर का अंत 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था जिसके बाद अब गांगुली के जीवन से जुडी हुयीं एक किताब इस महीने के आखिर में आने वाली है लेकिन उससे पहले इस बुक का एक प्रीव्यू जारी हुआ है.

Advertisement
Advertisement

धोनी ने मुझे अचंभित कर दिया था

भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर के आखिरी टेस्ट मैच का जिक्र करते हुए अपनी किताब में लिखा है कि “मुझे जब धोनी ने कप्तानी करने के लिया कहा तो मैं अचम्भे में पड़ गया क्योंकी मैंने उन्हें इस टेस्ट मैच के आखिरी दिन के शुरू में ही उनके इस आवेदन को स्वीकार करने से मना कर दिया था लेकिन दूसरी बार मैं ऐसा नही कर सका.”

ये आपका कम है

मेरी कप्तानी भी उसी दिन शुरू हुयीं थी जिस दिन मेरे करियर का आखिरी दिन था. मैंने उसी म्समी गेंदबाजी में बदलाव करना और फिल्ड में बदलाव करना शुरू किया ताकि ऑस्ट्रेलिया टीम के आखिरी विकेट को लिया जा सके. लेकिन मैं इस बात को स्वीकार करना चाहता हूँ कि उस समय ये मेरे लिए बेहद कठिन काम हो गया था और इसी लिए 3 ओवर के बाद मैंने धोनी को उनकी जिम्मेदारी वापस कर दी और उनसे कहा कि ये आपका काम है.

शतक ना बना पाने का दुःख

सौरव गांगुली ने अपने आखिरी टेस्ट मैच की अंतिम पारी में शून्य पर आउट हो गयें थे जिसके बाद उन्होंने इस पर इंटरनेशनल बिजनेस टाइम्स से बातचीत करते हुए कहा कि “मैने अपने आखिरी टेस्ट की अंतिम पारी में पहली गेंद पर आउट हो गया था और मैं अभी भी इस इस बात को सोचता हूँ कि वो एक गलत शॉट था क्योंकी मैंने जेशन क्रेज़ा की उस गेंद को टर्न के विरुद्ध मारने का प्रयास किया था जिस कारण बल्ला काफी जल्दी बंद हो गया था.”

Advertisement