IND vs ENG 2024: इंग्लैंड के बैजबॉल माइंड गेम्स: विजाग टेस्ट में हार के बावजूद बेन स्टोक्स की टीम की हुई जीत

भारत और इंग्लैंड के बीच तीसरा टेस्ट मैच 15 फरवरी से राजकोट में खेला जाएगा।

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England Cricket team. (Photo Source: BCCI)

England’s Test tour of India 2024, IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच हाल ही में खेले गए दूसरे टेस्ट मैच के दौरान काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिले। इससे पहले टीम इंडिया को हैदराबाद में चौंकाने वाली हार का सामना करना पड़ा, लेकिन मेजबान टीम ने विशाखापत्तनम में जीत के साथ शानदार वापसी।

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हालांकि, अगर आंकड़ों और स्कोर का निचोड़ निकाले, तो इंग्लैंड क्रिकेट टीम दूसरे टेस्ट में 106 रनों की हार के बावजूद कई मायनों में विजयी नजर आ रहा है। जसप्रीत बुमराह के शानदार गेंदबाजी प्रदर्शन, यशस्वी जायसवाल के पहले दोहरे शतक और शुभमन गिल के शतक ने भारतीय फैंस का मनोरंजन किया और टीम को जीत भी दिलाई। लेकिन इंग्लैंड के आक्रामक रवैये ने मेजबान टीम को परेशान कर दिया है।

भारत में भी बैजबॉल की निकल पड़ी

Brendon McCullum and ben stokes (Image Credit- Twitter X)

इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स और कोच ब्रेंडन मैकुलम ने टेस्ट क्रिकेट में बैजबॉल अप्रोच को जन्म देकर इसका रंग ही बदल दिया है। जारी टेस्ट सीरीज में यह भारत के लिए कांटा साबित हो रहा है। इंग्लैंड के हर सेशन में चार रन प्रति ओवर की दर से लगातार रन बनाने ने टीम इंडिया को सतर्क मानसिकता से आगे बढ़ने के लिए मजबूर कर दिया है।

इंग्लैंड के खिलाफ भारत का सतर्क बल्लेबाजी दृष्टिकोण, बैजबॉल के मनोवैज्ञानिक प्रभाव को दर्शाता है। नियंत्रण खोने और इंग्लैंड की आक्रामक शैली के आगे घुटने टेकने के डर ने भारत को मजबूत स्थिति में होने पर भी रक्षात्मक रूप से खेलने के लिए मजबूर किया।

यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत ने भले ही 106 रनों से दूसरा टेस्ट मैच जीता हो, लेकिन इंग्लैंड की बैजबॉल रणनीति से पैदा हुए डर ने मेजबान टीम की मानसिकता को प्रभावित किया है। इंग्लैंड के कई क्रिकेटरों ने कहा है कि हर विपक्ष इंग्लैंड से डरता है, और यह चीज भारत के रक्षात्मक दृष्टिकोण को देखकर स्पष्ट हो जाती है। जब भारत ने इंग्लैंड के निचले क्रम के बल्लेबाजों के लिए मैदान खोला तो भारत के रक्षात्मक दृष्टिकोण पर इसके प्रभाव को आंका जा सकता है।

भारत के आगे है बड़ी चुनौती

Rohit Sharma (Photo Source: X/Twitter)

भारतीय क्रिकेट टीम अपने मुख्य स्पिनर रवींद्र जडेजा की अनुपस्थिति और रविचंद्रन अश्विन के असंगत प्रदर्शन के कारण कठिन चुनौतियों का सामना कर रही है। एक या दो खिलाड़ियों पर टीम की निर्भरता ने बल्लेबाजी में निरंतरता की कमी को भी उजागर किया है। विराट कोहली के ब्रेक पर होने और अनुभवहीन मध्यक्रम को देखते हुए भारतीय टीम प्रबंधन को अपनी रणनीति पर फिर से विचार करने की जरूरत है।

इस बीच, रोहित शर्मा का नेतृत्व और बल्लेबाजी कौशल, और अश्विन की स्पिन गेंदबाजी भारत की सफलता की कुंजी है। उन दोनों को यह चीज समझने और आगमी मैचों में जोरदार वापसी करने की जरूरत है। रोहित को अपने दृष्टिकोण में अधिक दृढ़ होना होगा और मैदान में टिके रहना होगा। वहीं दूसरी ओर, अश्विन को लगातार विकेट लेने होंगे।

खैर, स्कोरकार्ड दूसरे टेस्ट में भारत की जीत को दर्शाता है, लेकिन इंग्लैंड के बैजबॉल दृष्टिकोण के मनोवैज्ञानिक प्रभाव को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। आगामी मैच भारत की डर पर काबू पाने, रणनीतियों को अपनाने और व्यापक सीरीज जीत हासिल करने की क्षमता का टेस्ट होंगे। लड़ाई सिर्फ रन और विकेट की नहीं है, बल्कि यह क्रिकेट के मैदान पर एक रोमांचक दिमागी जंग है।

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