IND vs ENG, 3rd Test: जाने अश्विन के मसले पर क्या कहता है ICC का नियम और इसका भारतीय टीम पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

इमरजेंसी के कारण अश्विन तीसरे टेस्ट मैच को बीच में ही छोड़कर चेन्नई चले गए हैं। 

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Ravichandran Ashwin (Image Credit- Twitter X)

भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का तीसरा मैच राजकोट के निरंजन शाह स्टेडियम में खेला जा रहा है। बता दें कि इस जारी मैच के दूसरे दिन के खेल के बाद अनुभवी भारतीय खिलाड़ी रविचंद्रन अश्विन एक फैमिली इमरजेंसी के कारण चेन्नई के लिए रवाना हो गए हैं।

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अश्विन के मसले पर बीसीसीआई ने क्या कहा है कि वह खिलाड़ी का पूरी तरह से सपोर्ट करती है और उसने फैंस से भी अपील की है कि ऑफ स्पिनर की प्राइवेसी का ध्यान रखें।

हालांकि, अश्विन के राजकोट टेस्ट मैच से जाने के बाद भारतीय टीम की गेंदबाजी को करारा झटका लगा है। वह इस समय भारतीय स्पिन गेंदबाजी के अगुआ है। लेकिन अब अश्विन खेल के बचे हुए तीन दिनों के लिए शायद ही भारतीय टीम के साथ दिखे।

तो वहीं अब भारत को मजबूरन इस टेस्ट मैच में 10 खिलाड़ियों के साथ खेलना होगा। दूसरी ओर, आपके मन में भी सवाल आ रहा होगा कि अगर कोई खिलाड़ी ऐसी किसी स्थिति में टीम का साथ छोड़ता है तो उसको लेकर आईसीसी का नियम क्या कहता है? आइए आपको इसके बारे में जानकारी देते हैं

क्या कहता है कि आईसीसी का नियम

बता दें कि इस मसले को लेकर अगर क्रिकेट नियम बनाने वाले सर्वोच्च संस्था Marylebone Cricket Club (MCC) की माने, तो अंपायर सब्स्टीट्यूट फील्ड को केवल तभी अनुमति दे सकते हैं, जब कोई खिलाड़ी प्रतियोगिता के दौरान घायल हो गया हो या बीमार हो गया हो। अश्विन के मामले में, दोनों में से कोई भी चीज नहीं है, जो मामले को और ज्यादा पेचीदा बनाता है।

इसको लेकर एमसीसी के रूल नंबर 24.1.1.2 के अनुसार, एक टीम ‘पूरी तरह से स्वीकार्य कारण’ के लिए एक सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी को मैदान में उतार सकती है। लेकिन ये खिलाड़ी गेंदबाजी, बल्लेबाजी और कप्तानी नहीं कर सकता है।

हालांकि, अंपायर की अनुमित के बाद वह विकेटकीपिंग कर सकता है। तो वहीं अश्विन की स्थिति में क्योंकि वह पूरी तरह से उपलब्ध नहीं हैं, तो इसके लिए टीम इंडिया को सब्स्टीट्यूट खिलाड़ी को मैदान में उतारने के लिए इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स की अनुमति की आवश्यकता होगी।

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